संदेश

,। 🌹☘☘☘♈☘☘☘🌹 *इज्जत और तारीफ* *मांगी नही जाती है* *कमाई जाती है* *नेत्र केवल दृष्टि प्रदान* *करते है* *परंतु हम कहाँ क्या देखते है* *यह हमारे मन की भावना* *पर निर्भर है* 🐚☀🐚 l 😊🍀🙏 *सुप्रभात* 🙏🍀😊 *आपका दिन मंगलमय हो*

, *🌹अपने जीवन की तुलना किसी**के साथ नहीं करनी चाहिए**सूर्य और चद्रमा के बीच कोई तुलना नहीं हैं**जब जिसका वक़्त आता है**तभी वो चमकता है।*🌹🌹🙏 सुप्रभात🙏🌹🌹

*ख़ुशी पैसों पर नहीं,**परिस्थितियों पर निर्भर करती है I**एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था,**तो दूसरा उसे बेच कर..!!!**तीसरा उसे फोड़कर!!!!* 🙏💐*सुप्रभात*💐🙏

, *ज़रूरी नहीं की हर समय, लबो पे भगवन का नाम आये,वो लमहा भी भक्ति का होता है,**जब इंसान इंसान के काम आता है * 🙏 सुप्रभात 🙏 🙏*आपका दिन शुभ हो*🙏

,। *जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते,**तब तक आप भगवान पर विश्वास नहीं कर सकते।* 🙏💐*सुप्रभात*💐🙏

,। 🕉️🙇🏻‍♂️🚩जय श्री राधेश्याम जी श्री धाम #वृन्दावन महिमा🚩🙇🏻‍♂️🕉️प्राचीन समय में श्री वृन्दावन धाम में तुलसी जी का बहुत ही विशाल वन था। श्री धाम वृन्दावन की महिमा अनंत है। यहाँ पे श्री ठाकुर जी ने अनंत लीलाये की है। श्री वृन्दावन धाम सारे धामों से बढ़ कर के है। यहाँ पे जन्म लेने के लिए स्वर्ग के देवता भी श्री राधा रानी एवं श्री ठाकुर जी से प्रार्थना करते रहते है पर श्री वृन्दावन धाम में वास उसी को मिलसकता है जिस पर हमारे ठाकुर जी की अशीम कृपा होगी। यहाँ पे माना जाता है के माता लक्ष्मी जी श्री धाम वृन्दावन में प्रवेश पाने के लिए बेलवन में तपश्या की थी। श्री वृन्दावन धाम की महारानी श्री राधा रानी है। यहाँ पे श्री राधा रानी अपने प्रियतम श्री श्याम सूंदर के साथ अनंत लीलाये की है। श्री धाम वृन्दावन की महिमा को कोई अपने शब्दों में बया नहीं कर सकता है। बड़े बड़े साधु महात्मा लोग भगवन से प्रार्थना करते है की हे राधा रानी हमें अपने चरणों की धूलि बनादो या किसी पशु पक्षी या कोई भी जनम दो लेकिन ब्रज का ही वास मिले। क्यों की वृन्दावन की धूलि जनम - मरण के बंधन से मुक्ति दिलाने वाली है। इस धूलि में श्री श्यामा श्याम सूंदर जी ने अनेक लीलाये की है। यहाँ पे लोग ब्रज रज को लोग आपने सर पे धारण करते है।एक बार गोस्वामी तुलसीदास जी वृन्दावन के कालीदह के निकट राम्गुलैला के स्थान में रुके थे। उस समय वृन्दावन में एक संत रहते थे जिनका नाम था नाभा जी जिन्होंने ने भक्तमाल ग्रन्थ लिखा है। उन्होंने उस समय वृन्दावन में भक्तो का बहुत बडा भंडारा किया, तुलसीदास जी उस समय वृन्दावन में ही ठहरे थे अतः भगवान शंकर जी ने गोस्वामी जी से कहा की आप भी जाये नाभा जी के भंडारे में। तुलसीदास जी ने भगवन शंकर की आज्ञा का पालन किया और नाभा जी के भंडारे में जाने के लिया चल दिए और जब वो वहा पहुंचे तो थोडा बिलम्ब हो गया था और वहां पर संतो की बहुत भीड़ थी उनको कही बैठने की जगह नहीं मिली तो जहा संतो के जूते-चप्पल पड़े थे वो वही ही बैठ गए।अब संत लोग भंडारा पा रहे थे, पहले ज़माने में संत लोग स्वयं आपने बर्तन लेकर जाया करते थे, आज भी वृन्दावन की रसिक संत भंडारे में अपने-अपने पात्र लेकर जाते है। अब भंडारा भी था तो खीर का था क्योकि हमारे बांकेबिहारी को खीर बहुत पसंद है आज भी राजभोग में 12 महीने खीर का ही भोग लगता है, अब जो प्रसाद बाट रहा था वो गोस्वामी जी के पास आये और कहा बाबा -तेरो पात्र कहा है तेरो बर्तन कहा है अब तुलसीदास जी के पास कोई बर्तन तो था नहीं तो उसने कहा की बाबा जाओ कोई बर्तन लेकर आओ, मै किस्मे तोहे खीर दू इतना कह कर वह चला गया थोड़ी देर बाद फिर आया तो देखा बाबा जी वैसे ही बैठे है , फिर उसने कहा बाबा मैंने तुमसे कहा था की बर्तन ले आओ मै तोहे किस्मे खीर दू, इतना कहने के बाद तुलसी दास मुस्कराने लगे और वही पास में एक संत का जूता पड़ा था वो जूता परोसने वाले के सामने कर दिया और कहा इसमें खीर डाल दो तो वो परोसने वाले ने कहा की बाबा पागल होए गयो है का इसमें खीर लोगे, तो गोस्वामी जी के आँखों में आँसू भर आये और कहा की ये जूता संत का है और वो भी वृन्दावन के रसिक संत का , और इस जूते में ब्रजरज पड़ी हुई है और ब्रजरज जब खीर के साथ अंदर जाएगी तो मेरा अंतःकरण पवित्र हो जायेगा, धन्य है वृन्दावन , धन्य है वह रज जहा पर हमारे प्यारे और प्यारी जू के चरण पड़े है, ये भूमि श्री राधारानी की भूमि है यदि हम वृन्दावन में प्रवेश करते है तो समझ लेना चाहिए कि ये हमारे श्री राधारानी की कृपा है जो हमें वृन्दावन आने का न्यौता मिला। भले ही ये बात हम न समझे लेकिन एकबात समझ लेना चाहिए की जब तक हमारे श्री जी की कृपा नहीं होगी हम वृन्दावन में प्रवेश भी नहीं पा सक्ते हैधन वृन्दावन धाम है, धन वृन्दावन नाम। धन वृन्दावन रसिक जो सुमिरै स्यामा स्याम।*😊🤹‍♀️🙏जै जै श्यामा जै जै श्याम जै जै श्री वृन्दावन धाम🙏🤹‍♀️😊*

,। 🌷 ਗੁੱਡ ਨਾਈਟ✨ | Ind ਮਨ ਦੇ ਬਚਨ 💐 | ਸਕਾਰਾਤਮਕ ਵਿਚਾਰ 🌷 | ਜੀਵਨ ਦਾ ਅਰਥ | ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਹਵਾਲੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਫਾਲੋ ਕਰੋ ਜੇ ਤੁਹਾਨੂੰ ਪੋਸਟ ਪਸੰਦ ਹੈ ਤਾਂ ਸ਼ੇਅਰ ਕਰੋ ਟਿੱਪਣੀਆਂ | ਪੋਸਟ ਪਸੰਦ ਹੈ | | ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਹਵਾਲੇ | ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਪ੍ਰੇਰਣਾ | ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਸਾਂਝਾ | ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਵਾਇਰਲ

*सच्चा धर्म-*एक बार की बात है एक बहुत ही पुण्यात्मा व्यक्ति अपने परिवार सहित तीर्थ के लिए निकला.. कई कोस दूर जाने के बाद पूरे परिवार को प्यास लगने लगी , ज्येष्ठ का महीना था , आस पास कहीं पानी नहीं दिखाई पड़ रहा था. उसके बच्चे प्यास से ब्याकुल होने लगे..समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे...अपने साथ लेकर चलने वाला पानी भी समाप्त हो चुका था. एक समय ऐसा आया कि उसे भगवान से प्रार्थना करनी पड़ी कि हे प्रभु अब आप ही कुछ करो मालिक... इतने में उसे कुछ दूर पर एक साधू तप करता हुआ नजर आया। व्यक्ति ने उस साधू से जाकर अपनी समस्या बताई...साधू बोले की यहाँ से एक कोस दूर उत्तर की दिशा में एक छोटी दरिया बहती है जाओ जाकर वहां से पानी की प्यास बुझा लो...साधू की बात सुनकर उसे बड़ी प्रसन्नता हुयी और उसने साधू को धन्यवाद बोला। पत्नी एवं बच्चो की स्थिति नाजुक होने के कारण वहीं रुकने के लिया बोला और खुद पानी लेने चला गया।जब वो दरिया से पानी लेकर लौट रहा था तो उसे रास्ते में पांच व्यक्ति मिले जो अत्यंत प्यासे थे। पुण्य आत्मा को उन पांचो व्यक्तियों की प्यास देखी नहीं गयी और अपना सारा पानी उन प्यासों को पिला दिया। जब वो दोबारा पानी लेकर आ रहा था तो पांच अन्य व्यक्ति मिले जो उसी तरह प्यासे थे... पुण्य आत्मा ने फिर अपना सारा पानी उनको पिला दिया...यही घटना बार बार हो रही थी...और काफी समय बीत जाने के बाद जब वो नहीं आया तो साधू उसकी तरफ चल पड़ा...बार बार उसके इस पुण्य कार्य को देखकर साधू बोला - *" हे पुण्य आत्मा तुम बार बार अपना बाल्टी भरकर दरिया से लाते हो और किसी प्यासे के लिए ख़ाली कर देते हो..इससे तुम्हे क्या लाभ मिला...?*पुण्य आत्मा ने बोला *"मुझे क्या मिला ? या क्या नहीं मिला इसके बारें में मैंने कभी नहीं सोचा .. पर मैंने अपना स्वार्थ छोड़कर अपना धर्म निभाया."*साधू बोला - *" ऐसे धर्म निभाने से क्या फ़ायदा जब तुम्हारे अपने बच्चे और परिवार ही जीवित ना बचे? तुम अपना धर्म ऐसे भी निभा सकते थे जैसे मैंने निभाया।"*.पुण्य आत्मा ने पूछा - *" कैसे महाराज?*साधू बोला - *" मैंने तुम्हे दरिया से पानी लाकर देने के बजाय दरिया का रास्ता ही बता दिया...तुम्हे भी उन सभी प्यासों को दरिया का रास्ता बता देना चाहिए था...ताकि तुम्हारी भी प्यास मिट जाये और अन्य प्यासे लोगो की भी...फिर किसी को अपनी बाल्टी ख़ाली करने की जरुरत ही नहीं..."* इतना कहकर साधू अंतर्ध्यान हो गया...*पुण्य आत्मा को सबकुछ समझ आ गया की अपना पुण्य ख़ाली कर दूसरों को देने के बजाय, दूसरों को भी पुण्य अर्जित करने का रास्ता या विधि बताये..**ये ही तत्व ज्ञान है...अगर किसी के बारे में अच्छा सोचना है तो उसे उस परमात्मा से जोड़ दीजिये ताकि उसे हमेशा के लिए लाभ मिलता रहे।**सुप्रभात। आज का दिन आपके लिए शुभ एवं मंगलमय हो।*,

💦🍁💦🍁💦🍁💦🍁💦🍁💦 🔱ૐ नमःशिवाय💓शिवोऽहम् ૐ🔱 🔱ૐ🔱हर🔱हर🔱महादेव🔱ૐ🔱 💦🍁💦🍁💦🍁💦🍁💦🍁💦 🌹💕प्रेम को प्रार्थना बनाओ💕🌹✒ 💓🌹सभी भक्तों को जय भोले 🌹💓 🙌💖🙌💖🙌💖🙌 एक संत भिक्षा लेने एक घर गए तो घर पे जवान लड़की के बिना कोई ना था, लड़की ने कहा महात्मा जी, आप कृपया रुकिए मैं चावल कूट कर साफ़ करके आपको देती हूँ। लड़की ने चावल कूटना शुरू किया तो उसकी चूड़ियाँ एक दूसरे में बजने लगी तो लड़की ने शोर के कारण एक को छोड़ सब चूड़ियाँ उतार दी, 🙌💖🙌💖🙌💖🙌 जब महात्मा ने पूछा के पहले बड़ी आवाज आ रही थी पर बाद में बंद कैसे हो गयी तो लड़की ने सब बात बतायी के आप द्वार पर खड़े हैं तो आपकी शांति भंग ना हो इसलिए यह किया। संत मुस्कुराए और बोले, बेटा परमार्थ में भी ऐसा ही है, जब एक चूड़ी रह गयी तो शोर खत्म हो गया, 🙌💖🙌💖🙌💖🙌 वैसे ही दिलो दिमाग़ में सिर्फ़ सतगुरु रह जाता है और दुनिया के शक्ल पदार्थ निकल जाते हैं तो अंतरात्मा में भी शोर बंद हो जाता है, उसके बाद ही विश्वास और पूरन भक्ति शुरू होती है। परमात्मा को पाना इतना आसान नहीं है, मन और विचार से दुनिया की ऐशो इशरत, धन संपदा निकाल कर सतगुरु की शरण लेकर भजन सिमरन करना ज़रूरी है..!🙏🙌🙌🙌🙏 🙌,। 💖🙌💖🙌💖🙌 💞💞हर हर महादेव हर 💞💞 🙏🍃आपका दिन शुभ मंगलमय और खुशीयो भरा हो🍃🙏 💦🍁💦🍁💦🍁💦🍁💦 💕 (VNITA PUNJAB)प्रेम से बोलो हर हर महादेव💕 💦🍁💦🍁💦🍁💦🍁💦

🌹🌿🌹🌿🌹🌿🌹🌿*✍🏻 सब को इकट्ठा*      *रखने की ताकत* *प्रेम में है* ,। *और**सब को अलग*      *करने की ताकत*            *भ्रम में है।* *कभी भी मन मे भ्रम ना पाले* ¸.•*""*•.¸ *🌹💐🌹* *""सदा मुस्कुराते रहिये""* *🌹हँसते रहिये हंसाते रहिये🌹* *सुप्रभात*

, 🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹*हीरा बनाया है ...!!**ईश्वर ने हर किसी को.....!!!!* 🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼 *पर चमकता वही है जो ...!!**तराशने की हद से गुज़रता है.....!!*🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹 *अच्छे लोगों की भगवान* *परीक्षा बहुत लेता है,* *परन्तु साथ नहीं छोडता,* *और* *बुरे लोगों को भगवान* *बहुत कुछ देता है,* *परन्तु साथ नहीं देता...*🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹🌼🌹 *जो लोग दूसरों को* *अपनी दुआओं में* *शामिल करते हैं...* *खुशियां* *सबसे पहले* *उन्ही के दरवाजे* *पर दस्तक* *देती हैं...*🌼🌼🌼🌼🌹🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌹 *सुप्रभात* 🌹🌼🌼🙏🏻 *आपका दिन मंगलमय हो*🙏🏻💐🌻🌹💐🌻🌹💐🌻🌹💐🌻🌹🌻🌸💐🌸💐

*अभिमान तब आता है* *जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,* *और**सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है* *जो दूसरों को इज़्ज़त देता है* *असल में वो खुद इज़्ज़तदार होता है* *क्योकि* *इंसान दूसरो को वही दे पाता है* *जो उसके पास होता है।* 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 💚💚💚💚💚💚💚💚💚💚 *🙏स्नेह वंदन🙏*🌸 *सुप्रभात*

, जल्दी जागना हमेशा;फायदेमंद होता है,फिर चाहे वह अपनी नींद से हो,अहम से हो,वहम से हो,या फिर सोये हुए जमीर से हो ।प्रातः अभिनंदन । सुप्रभात !

*सड़क कितनी भी साफ हो* *"धूल" तो हो ही जाती है,**इंसान कितना भी अच्छा हो* *"भूल" तो हो ही जाती**"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को'अहमियत' देता हूँ...**क्योंकि जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...**और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!**जिंदगी जीने के लिए सबक* *और साथ दोनों जरुरी होता है।**जब दर्द और कडवी बोली,,,दोनों मीठी लगने लगे,**तब समझ लीजिये की,, जीना आ गया!!**आगे बढना है तो,, बहरे बन जाओ....**कुछ लोगो को छोड कर,, बाकि सब मनोबल गिराने वाले ही होते है!!*🙏🏻 have happy morning,

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, *मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो* *सिर्फ़ अंधेरे से है,,,,**हवा तो बेवजह ही मेरे* *ख़िलाफ़ है!**हवा से कह दो कि खुद को* *आज़मा के दिखाए,,,,,,**बहुत दीपक बुझाती है,* *एक जला के दिखाए !!* 🙏🙏शुभ प्रभात🙏🙏*

,। *जीवन में एक ऐसी सोच रखिये* *जो खोया उसका गम नहीं,* *पर जो पाया है* *वह किसी से कम नहीं*, *जो नहीं है वह एक ख्वाब है,* *पर जो है वह लाजवाब है.* : *"उम्मीद अपने आप से रखें, किसी और से नहीं।* *कौन क्या कर रहा हैं, कैसे कर रहा हैं, क्यों कर रहा हैं।"**इससे आप जितना दूर रहेंगे,**अपने मन की शांति के उतने ही करीब रहेंगे।।* *🙏🏻🌹शुभ प्रभात🌹🙏🏻*

, 🌻▪️🌻▪️🌻▪️🌻*Good morning**कलम तभी साफ और अच्छा लिख पाती है जब..**वो थोड़ा झुक कर चलती है, वही हाल “जिंदगी” में इंसान का है..!!* 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

*..."चुनौतिया ही जिंदगी को"...* *..."रोमांचक बनाती है"...* *...'और इसी से आपके ज़िन्दगी का"...* *..."महत्त्व निर्माण होता है"...* *..."बुराई का कद कितना भी ऊँचा हो"...* *..."सत्य से छोटा ही होता है"...* 🙏 *🌹शुभ प्रभात🌹*🙏

,। 🍀🥀🍀🥀🍀🥀🍀*स्पीड ब्रेकर कितना भी बड़ा हो,* *गति धीमी करने से* *झटका नहीं लगता ।* *उसी तरह* *मुसीबत कितनी भी बड़ी हो* *शांति से विचार करने पर* *जीवन में झटके नही लगते ।* Vnita Punjab *Good morning* *आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो*🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

शुभ रात्रि जी जय श्री राधे कृष्णा जी जय हो गोविन्द जी🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹,

. 🌺#नमामी_राधे_नमामी_कृष्ण🌺 🦋#राधे_राधे_कृष्ण_कृष्ण 🦋🌺🦋खिलखिलाती सुबह है, ताजगी भरा सवेरा🌷💖 🌺🌷फूलो और बहारों ने रंग है अपना बिखेरा🌹🦋 🥀💞बस,इंतजार है कान्हा एक तेरी मुस्कुराहट का🌹🌺 🌹***जिसके बिना***🌹 💕#मेरा_हर_पल_है_अधूरा💕 🍃🍂#जय_जय_श्री_राधे🍂🍃🌹#मेरे_बांकेबिहारी_मेरे_कुंजबिहारी🌹

, *सलाह के सौ शब्दो से ज्यादा अनुभव की एक ठोकर इंसान को मजबूत बनाती है!**कुछ बातें "समझाने" पर नहीं, बल्की खुद पर बीत जाने पर ही समझ में आती हैं !* *🌹🌲Good Morning🌲🌹*🙏🙏

, *दुनिया को बदलने से पहले अपने आप को बदल लो, दुनिया खुद बदलती हुई नजर आएगी।।**बिजनेस हो या जिन्दगी का कोई भी पहलू ,* *शक व सन्देह में रहकर कोई कुछ भी कर ले , कामयाबी नहीं मिल पायेगी।।* *🙏Good Morning🙏*

,। *"सुंदरता से बढ़कर चरित्र है, प्रेम से बढ़कर त्याग है,,"दौलत से बढ़कर मानवता है, परंतु सुंदर रिश्तों से बढ़कर इस दुनियाँ में कुछ भी नहीं है,"जरूरी नहीं की मिठाई खिलाकर ही दूसरो का मुँह मीठा करे,आप मीठा बोलकर भी लोगों को खुशियाँ दे सकते है."* *GOOD MORNING* *आपका दिन शुभ हो...*

🌸🌺रामायण देख एक बात तो समझ आ गयी जय श्री राम 🙏सुनते ही राक्षस भड़क जाते थे और आज भी हालत वो ही है ।🙏🌺🙏🙏आपको जय श्री राम🙏

,। **शुभ दिन गुरुवार वंदन* *जय श्री हरि विष्णुदेव**जय लक्ष्मीनारायण जी**आप सभी को मेरी तरफ से**सादर प्रणाम*, *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब**शुभ प्रभात अभिनंदन*,*सादर वन्दन,,,,,,**इसे सेव कर सुरक्षित कर लेवे।* *ऐसी पोस्ट कम ही आती है।*विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियो पर किया अनिल अनुसंधान )■ काष्ठा = सैकन्ड का 34000 वाँ.. भाग■ 1 त्रुटि = सैकन्ड का 300 वाँ भाग■ 2 त्रुटि = 1 लव ,■ 1 लव = 1 क्षण■ 30 क्षण = 1 विपल ,■ 60 विपल = 1 पल■ 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,■ 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )■ 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,■ 7 दिवस = 1 सप्ताह■ 4 सप्ताह = 1 माह ,■ 2 माह = 1 ऋतु ■ 6 ऋतू = 1 वर्ष ,■ 100 वर्ष = 1 शताब्दी■ 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,■ 432 सहस्राब्दी = 1 युग■ 2 युग = 1 द्वापर युग ,■ 3 युग = 1 त्रैता युग ,■ 4 युग = सतयुग■ सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग■ 72 महायुग = मनवन्तर ,■ 1000 महायुग = 1 कल्प■ 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ )■ 1 नैमितिका प्रलय = 1 कल्प ।(देवों का अन्त और जन्म )■ महालय = 730 कल्प ।(ब्राह्मा का अन्त और जन्म )सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यही है। जो हमारे देश भारत में बना। ये हमारा भारत जिस पर हमको गर्व है lदो लिंग : नर और नारी ।दो पक्ष : शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।दो पूजा : वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।दो अयन : उत्तरायन और दक्षिणायन।तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।तीन देवियाँ : महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।तीन लोक : पृथ्वी, आकाश, पाताल।तीन गुण : सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।तीन स्थिति : ठोस, द्रव, वायु।तीन स्तर : प्रारंभ, मध्य, अंत।तीन पड़ाव : बचपन, जवानी, बुढ़ापा।तीन रचनाएँ : देव, दानव, मानव।तीन अवस्था : जागृत, मृत, बेहोशी।तीन काल : भूत, भविष्य, वर्तमान।तीन नाड़ी : इडा, पिंगला, सुषुम्ना।तीन संध्या : प्रात:, मध्याह्न, सायं।तीन शक्ति : इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।चार धाम : बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।चार मुनि : सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।चार निति : साम, दाम, दंड, भेद।चार वेद : सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।चार स्त्री : माता, पत्नी, बहन, पुत्री।चार युग : सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।चार समय : सुबह, शाम, दिन, रात।चार अप्सरा : उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।चार गुरु : माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।चार प्राणी : जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।चार जीव : अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।चार वाणी : ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।चार भोज्य : खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।चार पुरुषार्थ : धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।चार वाद्य : तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।पाँच तत्व : पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।पाँच देवता : गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।पाँच कर्म : रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।पाँच उंगलियां : अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।पाँच पूजा उपचार : गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।पाँच अमृत : दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।पाँच प्रेत : भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।पाँच स्वाद : मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।पाँच वायु : प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।पाँच इन्द्रियाँ : आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।पाँच वटवृक्ष : सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।पाँच पत्ते : आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।पाँच कन्या : अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।छ: ॠतु : शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।छ: ज्ञान के अंग : शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।छ: कर्म : देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।छ: दोष : काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्य।सात छंद : गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।सात सुर : षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।सात चक्र : सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।सात वार : रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।सात मिट्टी : गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।सात महाद्वीप : जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।सात ॠषि : वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।सात ॠषि : वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।सात धातु (शारीरिक) : रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।सात रंग : बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।सात पाताल : अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।सात पुरी : मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।सात धान्य : उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।आठ मातृका : ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।आठ लक्ष्मी : आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।आठ वसु : अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।आठ सिद्धि : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।आठ धातु : सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।नवदुर्गा : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।नवग्रह : सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।नवरत्न : हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।नवनिधि : पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।दस महाविद्या : काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।दस दिशाएँ : पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।दस दिक्पाल : इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।दस अवतार (विष्णुजी) : मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।दस सति : सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती।*उक्त जानकारी शास्त्रोक्त 📚 आधार पर... हैं ।**यह आपको पसंद आया हो तो अपने भाई-बन्धुओं को भी शेयर जरूर कर अनुग्रहित अवश्य करें यह संस्कार का कुछ हिस्सा हैं*!🌷🌼🌿🙏🌿🌼🌷*

,। *जीवन में एक ऐसी सोच रखिये* *जो खोया उसका गम नहीं,* *पर जो पाया है* *वह किसी से कम नहीं*, *जो नहीं है वह एक ख्वाब है,* *पर जो है वह लाजवाब है.* : *"उम्मीद अपने आप से रखें, किसी और से नहीं।* *कौन क्या कर रहा हैं, कैसे कर रहा हैं, क्यों कर रहा हैं।"**इससे आप जितना दूर रहेंगे,**अपने मन की शांति के उतने ही करीब रहेंगे।। *By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब* 🙏🏻🌹शुभ प्रभात🌹🙏🏻*

╔══•✥✥🌹ॐ🌹✥✥•══╗ 🌹🌟•❀•#Զเधॆ_Զเधॆ•❀•🌟🌹╚══•✥✥🌹ॐ🌹✥✥•══╝ 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 💎‼#श्रीराधेकृष्णा‼💎✍*"#मेरे_श्याम............❤*कोई चाहत नही बस एक तुझे चाहने के बाद**By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब*🌷🙏🙏🌷*हर ख्वाहिश ख़तम.......😑😑.तेरी चाहत के बाद..!! 🌹🙏‼🌟◉✿Զเधॆ_Զเधॆ✿◉🌟‼🙏🌹 ┈┉┅━❀꧁ω❍ω꧂❀━┅┉┈

, सुनो ना🥰 मेरे सांवरे शोना.😘ख्वाब कहाँ, नजर कहाँ......!!🌹🙏 ज़िंदगी कहाँ, बसर कहाँ.....!!🙏 😘"सांवरे शोना"😘 एक तेरा ख्याल,बाकी हैं.....!! 🙏 अब मुझे अपनी खबर कहाँ..!!🙏 💛❤️💚 जय श्री राधे कृष्णा💚❤️💛गुड मॉर्निंग प्यारे भक्तों जय श्री कृष्ण राधे राधे जी 🌹🙏

, #वसन्त_पञ्चमी#हिंदू_पर्व जिसमें #देवी_सरस्वती_की_पूजा की जाती हैवसंत पञ्चमी या #श्रीपंचमी एक हिन्दू का त्योहार है। इस दिन #विद्या_की_देवी_सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बाँटा जाता था उनमें वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम था। जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का फूल मानो सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर मांजर आ जाता और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। भर भर भंवरे भंवराने लगते। वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती हैं। यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है।▪️वसन्त पंचमी कथाउपनिषदों की कथा के अनुसार सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान शिव की आज्ञा से भगवान ब्रह्मा ने जीवों, खासतौर पर मनुष्य योनि की रचना की। लेकिन अपनी सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे, उन्हें लगता था कि कुछ कमी रह गई है जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है।हालाकि उपनिषद व पुराण ऋषियो को अपना अपना अनुभव है, अगर यह हमारे पवित्र सत ग्रंथों से मेल नही खाता तो यह मान्य नही है।तब ब्रह्मा जी ने इस समस्या के निवारण के लिए अपने कमण्डल से जल अपने हथेली में लेकर संकल्प स्वरूप उस जल को छिड़कर भगवान श्री विष्णु की स्तुति करनी आरम्भ की। ब्रम्हा जी के किये स्तुति को सुन कर भगवान विष्णु तत्काल ही उनके सम्मुख प्रकट हो गए और उनकी समस्या जानकर भगवान विष्णु ने आदिशक्ति दुर्गा माता का आव्हान किया। विष्णु जी के द्वारा आव्हान होने के कारण भगवती दुर्गा वहां तुरंत ही प्रकट हो गयीं तब ब्रम्हा एवं विष्णु जी ने उन्हें इस संकट को दूर करने का निवेदन किया।ब्रम्हा जी तथा विष्णु जी बातों को सुनने के बाद उसी क्षण आदिशक्ति दुर्गा माता के शरीर से स्वेत रंग का एक भारी तेज उत्पन्न हुआ जो एक दिव्य नारी के रूप में बदल गया। यह स्वरूप एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था जिनके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ में वर मुद्रा थे । अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। आदिशक्ति श्री दुर्गा के शरीर से उत्पन्न तेज से प्रकट होते ही उन देवी ने वीणा का मधुरनाद किया जिससे संसार के समस्त जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई। जलधारा में कोलाहल व्याप्त हो गया। पवन चलने से सरसराहट होने लगी। तब सभी देवताओं ने शब्द और रस का संचार कर देने वाली उन देवी को वाणी की अधिष्ठात्री देवी "सरस्वती" कहा।फिर आदिशक्ति भगवती दुर्गा ने ब्रम्हा जी से कहा कि मेरे तेज से उत्पन्न हुई ये देवी सरस्वती आपकी पत्नी बनेंगी, जैसे लक्ष्मी श्री विष्णु की शक्ति हैं, पार्वती महादेव शिव की शक्ति हैं उसी प्रकार ये सरस्वती देवी ही आपकी शक्ति होंगी। ऐसा कह कर आदिशक्ति श्री दुर्गा सब देवताओं के देखते - देखते वहीं अंतर्धान हो गयीं। इसके बाद सभी देवता सृष्टि के संचालन में संलग्न हो गए।सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। ये विद्या और बुद्धि प्रदाता हैं। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी हैं। बसन्त पंचमी के दिन को इनके प्रकटोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। ऋग्वेद में भगवती सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है-"प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु"अर्थात ये परम चेतना हैं। सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हममें जो आचार और मेधा है उसका आधार भगवती सरस्वती ही हैं। इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है। पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने सरस्वती से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी और तभी से इस वरदान के फलस्वरूप भारत देश में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा होने लगी जो कि आज तक जारी है। पतंगबाज़ी का वसंत से कोई सीधा संबंध नहीं है। लेकिन पतंग उड़ाने का रिवाज़ हज़ारों साल पहले चीन में शुरू हुआ और फिर कोरिया और जापान के रास्ते होता हुआ भारत पहुँचा।▪️पर्व का महत्ववसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। हर दिन नयी उमंग से सूर्योदय होता है और नयी चेतना प्रदान कर अगले दिन फिर आने का आश्वासन देकर चला जाता है।यों तो माघ का यह पूरा मास ही उत्साह देने वाला है, पर वसंत पंचमी (माघ शुक्ल 5) का पर्व भारतीय जनजीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है। प्राचीनकाल से इसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस माना जाता है। जो शिक्षाविद भारत और भारतीयता से प्रेम करते हैं, वे इस दिन मां शारदे की पूजा कर उनसे और अधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना करते हैं। कलाकारों का तो कहना ही क्या? जो महत्व सैनिकों के लिए अपने शस्त्रों और विजयादशमी का है, जो विद्वानों के लिए अपनी पुस्तकों और व्यास पूर्णिमा का है, जो व्यापारियों के लिए अपने तराजू, बाट, बहीखातों और दीपावली का है, वही महत्व कलाकारों के लिए वसंत पंचमी का है। चाहे वे कवि हों या लेखक, गायक हों या वादक, नाटककार हों या नृत्यकार, सब दिन का प्रारम्भ अपने उपकरणों की पूजा और मां सरस्वती की वंदना से करते हैं।▪️पौराणिक महत्व इसके साथ ही यह पर्व हमें अतीत की अनेक प्रेरक घटनाओं की भी याद दिलाता है। सर्वप्रथम तो यह हमें त्रेता युग से जोड़ती है। रावण द्वारा सीता के हरण के बाद श्रीराम उसकी खोज में दक्षिण की ओर बढ़े। इसमें जिन स्थानों पर वे गये, उनमें दण्डकारण्य भी था। यहीं शबरी नामक भीलनी रहती थी। जब राम उसकी कुटिया में पधारे, तो वह सुध-बुध खो बैठी और चख-चखकर मीठे बेर राम जी को खिलाने लगी। प्रेम में पगे जूठे बेरों वाली इस घटना को रामकथा के सभी गायकों ने अपने-अपने ढंग से प्रस्तुत किया।दंडकारण्य का वह क्षेत्र इन दिनों गुजरात और मध्य प्रदेश में फैला है। गुजरात के डांग जिले में वह स्थान है जहां शबरी मां का आश्रम था। वसंत पंचमी के दिन ही रामचंद्र जी वहां आये थे। उस क्षेत्र के वनवासी आज भी एक शिला को पूजते हैं, जिसके बारे में उनकी श्रध्दा है कि श्रीराम आकर यहीं बैठे थे। वहां शबरी माता का मंदिर भी है।▪️ऐतिहासिक महत्व वसंत पंचमी का दिन हमें पृथ्वीराज चौहान की भी याद दिलाता है। उन्होंने विदेशी हमलावर मोहम्मद ग़ोरी को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया, पर जब सत्रहवीं बार वे पराजित हुए, तो मोहम्मद ग़ोरी ने उन्हें नहीं छोड़ा। वह उन्हें अपने साथ अफगानिस्तान ले गया और उनकी आंखें फोड़ दीं। इसके बाद की घटना तो जगप्रसिद्ध ही है। मोहम्मद ग़ोरी ने मृत्युदंड देने से पूर्व उनके शब्दभेदी बाण का कमाल देखना चाहा। पृथ्वीराज के साथी कवि चंदबरदाई के परामर्श पर ग़ोरी ने ऊंचे स्थान पर बैठकर तवे पर चोट मारकर संकेत किया। तभी चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संदेश दिया।🚩चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण।🚩ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान ॥पृथ्वीराज चौहान ने इस बार भूल नहीं की। उन्होंने तवे पर हुई चोट और चंदबरदाई के संकेत से अनुमान लगाकर जो बाण मारा, वह मोहम्मद ग़ोरी के सीने में जा धंसा। इसके बाद चंदबरदाई और पृथ्वीराज ने भी एक दूसरे के पेट में छुरा भौंककर आत्मबलिदान दे दिया। (1192 ई) यह घटना भी वसंत पंचमी वाले दिन ही हुई थी।सिखों के लिए में बसंत पंचमी के दिन का बहुत महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिन्द सिंह जी का विवाह हुआ था।वसंत पंचमी का लाहौर निवासी वीर हकीकत से भी गहरा सम्बन्ध है। एक दिन जब मुल्ला जी किसी काम से विद्यालय छोड़कर चले गये, तो सब बच्चे खेलने लगे, पर वह पढ़ता रहा। जब अन्य बच्चों ने उसे छेड़ा, तो दुर्गा मां की सौगंध दी। मुस्लिम बालकों ने दुर्गा मां की हंसी उड़ाई। हकीकत ने कहा कि यदि में तुम्हारी बीबी फातिमा के बारे में कुछ कहूं, तो तुम्हें कैसा लगेगा?बस फिर क्या था, मुल्ला जी के आते ही उन शरारती छात्रों ने शिकायत कर दी कि इसने बीबी फातिमा को गाली दी है। फिर तो बात बढ़ते हुए काजी तक जा पहुंची। मुस्लिम शासन में वही निर्णय हुआ, जिसकी अपेक्षा थी। आदेश हो गया कि या तो हकीकत मुसलमान बन जाये, अन्यथा उसे मृत्युदंड दिया जायेगा। हकीकत ने यह स्वीकार नहीं किया। परिणामत: उसे तलवार के घाट उतारने का फरमान जारी हो गया।कहते हैं उसके भोले मुख को देखकर जल्लाद के हाथ से तलवार गिर गयी। हकीकत ने तलवार उसके हाथ में दी और कहा कि जब मैं बच्चा होकर अपने धर्म का पालन कर रहा हूं, तो तुम बड़े होकर अपने धर्म से क्यों विमुख हो रहे हो? इस पर जल्लाद ने दिल मजबूत कर तलवार चला दी, पर उस वीर का शीश धरती पर नहीं गिरा। वह आकाशमार्ग से सीधा स्वर्ग चला गया। यह घटना वसंत पंचमी (23.2.1734) को ही हुई थी। पाकिस्तान यद्यपि मुस्लिम देश है, पर हकीकत के आकाशगामी शीश की याद में वहां वसन्त पंचमी पर पतंगें उड़ाई जाती है। हकीकत लाहौर का निवासी था। अतः पतंगबाजी का सर्वाधिक जोर लाहौर में रहता है।वसंत पंचमी हमें गुरू रामसिंह कूका की भी याद दिलाती है। उनका जन्म 1816 ई. में वसंत पंचमी पर लुधियाना के भैणी ग्राम में हुआ था। कुछ समय वे महाराजा रणजीत सिंह की सेना में रहे, फिर घर आकर खेतीबाड़ी में लग गये, पर आध्यात्मिक प्रवृत्ति होने के कारण इनके प्रवचन सुनने लोग आने लगे। धीरे-धीरे इनके शिष्यों का एक अलग पंथ ही बन गया, जो कूका पंथ कहलाया।गुरू रामसिंह, गोरक्षा, स्वदेशी, नारी उद्धार, अन्तरजातीय विवाह, सामूहिक विवाह आदि पर बहुत जोर देते थे। उन्होंने भी सर्वप्रथम अंग्रेजी शासन का बहिष्कार कर अपनी स्वतंत्र डाक और प्रशासन व्यवस्था चलायी थी। प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर भैणी गांव में मेला लगता था। 1872 में मेले में आते समय उनके एक शिष्य को मुसलमानों ने घेर लिया। उन्होंने उसे पीटा और गोवध कर उसके मुंह में गोमांस ठूंस दिया। यह सुनकर गुरू रामसिंह के शिष्य भड़क गये। उन्होंने उस गांव पर हमला बोल दिया, पर दूसरी ओर से अंग्रेज सेना आ गयी। अतः युद्ध का पासा पलट गया।इस संघर्ष में अनेक कूका वीर शहीद हुए और 68 पकड़ लिये गये। इनमें से 50 को सत्रह जनवरी 1872 को मलेरकोटला में तोप के सामने खड़ाकर उड़ा दिया गया। शेष 18 को अगले दिन फांसी दी गयी। दो दिन बाद गुरू रामसिंह को भी पकड़कर बर्मा की मांडले जेल में भेज दिया गया। 14 साल तक वहां कठोर अत्याचार सहकर 1885 ई. में उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया।▪️जन्म दिवसराजा भोज का जन्मदिवस वसंत पंचमी को ही आता हैं। राजा भोज इस दिन एक बड़ा उत्सव करवाते थे जिसमें पूरी प्रजा के लिए एक बड़ा प्रीतिभोज रखा जाता था जो चालीस दिन तक चलता था। वसन्त पंचमी हिन्दी साहित्य की अमर विभूति महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' का जन्मदिवस (28.02.1899) भी है। निराला जी के मन में निर्धनों के प्रति अपार प्रेम और पीड़ा थी। वे अपने पैसे और वस्त्र खुले मन से निर्धनों को दे डालते थे। इस कारण लोग उन्हें 'महाप्राण' कहते थे। इस दिन जन्मे लोग कोशिश करे तो बहुत आगे जाते ।▪️वसंत पंचमी पर न करें 5 गलतियां************************************1. वसंत पंचमी को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इस दिन पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।2. वसंत पंचमी के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। संभव हो तो आज के दिन स्नान और पूजा के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।3.. वसंत पंचमी के दिन किसी से वाद-विवाद या क्रोध नहीं करना चाहिए। बसंत पंचमी पर कलह होने से पितृ को कष्ट पहुंचता है।4. वसंत पंचमी के दिन बिना नहाए कुछ भी नहीं खाना चाहिए। इस दिन नदी, सरोवर या पास के तालाब में स्नान करना चाहिए और मां सरस्वती की पूजा अराधना के बाद ही कुछ खाना चाहिए।5. वसंत पंचमी के दिन भूल से भी पेड़-पौधों की कटाई नहीं करनी चाहिए।#शुभ_मुहूर्त प्रात: 4:12 मिनट से दोपहर 12:47 मिनट तक#मंत्र - ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम:**🙏🏻🌸{{ जय माँ सरस्वती }} 🌸🙏🏻**चरण उनके पूजे जाते है...**जिनके आचरण पूजने योग्य हो।**अगर इन्सान की पहचान करनी हो।**तो सूरत से नही, चरित्र से करो।* *...क्योकि...**सोना अक्सर लोहे की तिजोरी में ही रखा जाता है।**🙏🏻🌸{{ सुप्रभात }} 🌸🙏🏻*हे 🌹माधव🌹...*ऐसी नज़र बना दे... *तुम्हें हर जगह मैं पाऊँ,*एक पल भी तुम न बिसरो... *मैं कृष्ण नाम ही गाऊं....!!!!🙏🏻🍃श्री राधे राधे🍃🙏🏻

*दुनिया को बदलने से पहले अपने आप को बदल लो, दुनिया खुद बदलती हुई नजर आएगी।।**बिजनेस हो या जिन्दगी का कोई भी पहलू ,* *शक व सन्देह में रहकर कोई कुछ भी कर ले , कामयाबी नहीं मिल पायेगी।।* *🙏Good Morning🙏*,

🌹 Good morning 🌹 #☕चाय संग गुड इवनिंग,

💐💐🍁💐💐🍁💐💐🍁💐💐🍁*जन्म के रिश्ते ईश्वर का प्रसाद जैसे हैं लेकिन खुद के बनाये रिश्ते आपकी पूँजी हैं दिल समुद्र जैसा रखना नदियां ख़ुद ही मिलने आयेगी**ढलना तो एक दिन है सभी को चाहे इंसान हो या सूरज मगर हौसला सूरज से सीखो रोज़ ढल के भी हर दिन उम्मीद से निकलता है**जब तक किसी भी बात की पूरी जानकारी ना हो तब तक हमें वहाँ मौन रहना ही उत्तम है क्यूंकि अधूरा सत्य पूर्ण झूठ से कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है**💐💐💐Good Morning*💐💐💐*,

🍀🥀🍀🥀🍀🥀🍀*स्पीड ब्रेकर कितना भी बड़ा हो,* *गति धीमी करने से* *झटका नहीं लगता ।* *उसी तरह* *मुसीबत कितनी भी बड़ी हो* *शांति से विचार करने पर* *जीवन में झटके नही लगते ।* *Good morning* *आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो*🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻,

🌻▪️🌻▪️🌻▪️🌻*Good morning**कलम तभी साफ और अच्छा लिख पाती है जब..**वो थोड़ा झुक कर चलती है, वही हाल “जिंदगी” में इंसान का है..!!* 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻,

*..."चुनौतिया ही जिंदगी को"...* *..."रोमांचक बनाती है"...* *...'और इसी से आपके ज़िन्दगी का"...* *..."महत्त्व निर्माण होता है"...* *..."बुराई का कद कितना भी ऊँचा हो"...* *..."सत्य से छोटा ही होता है"...* 🙏 *🌹शुभ प्रभात🌹*🙏,

Choklet day

Good afternoon friends💜हर #ख़्वाब हर #ख़याल में हो तुम, 💚मेरी #रूह के हर #एहसास में हो तुम..!💜कौन #कहता है मुझसे #दूर हो तुम, 💚मैं ग़र #जिस्म हूँ तो मेरी #जान हो तुम..Good afternoon friendsEvery # dream, you are in every thought You are in every feeling of my soul ..!#Which # says you are # away from me, I am a poor # body, so my # sweetheart are you ..,

❤️दे #इजाजत ,कि #रूह बनके,❤️ ❤️तेरे #जिस्म मे ढल जाऊँ,,,,❤️❤️दे इजाजत कि तेरे #सीने में,❤️ ❤️#दिल बन के #धड़क जाऊँ,,,,❤️❤️तेरी #सांस महके मेरे❤️ ❤️"#इश्क"के इत्र से❤️ ❤️ मै ना #रहूँ मुझमें❤️, यूँ तुझमें #समा जाऊँ,,,,❤❤❤️de # allow, that # rook banke, ❤️ Get into the #Jism ,,,, ❤️इजाजत Allowed that in your # chest, ❤️ ❤️ #Beat ke # # beats ,,,, ❤️My breath # "# Love",

#तमन्ना तेरे #जिस्म की होती तो #छीन लेते #दुनिया_से....#इश्क तेरे #रूह_से है इसलिए #खुदा से मांगते हैं If # Tamanna was your #Jism, # would have taken away #World_Se ....#Ishq is from your #ruh_so that's why you ask for #Khuda,

हर #ख़्वाब हर #ख़याल में हो तुम , मेरी #रूह के हर #एहसास में हो तुम..#कौन कहता है #मुझसे दूर हो #तुम , मैं ग़र #जिस्म हूँ तो , मेरी #जान हो तुम... 💞💞💞💞🌹🌹💞 Happy promise day💞🌹🌹,

*विश्वास की एक डोरी है, दोस्ती।**विश्वास के बिना कोरी है, दोस्ती।**कभी थैंक्स तो कभी सॉरी है, दोस्ती।**ना मानो तो, कुछ भी नहीं।**पर मानो तो रब की भी कमज़ोरी है, दोस्ती।*💐 *सुप्रभात, दिन मस्त रहे आपका..*💐, * There is a cord of trust, friendship. ** Corey without trust, friendship. *Sometimes thanks, sometimes sorry, friendship.* Believe it or not, nothing. ** But if God also has weakness, friendship. *💐 * good morning have a great day ,

Good morning

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#🌷शुभ गुरुवार #🌷शुभ शुक्रवार #🌞 Good Morning🌞 #🥳M

#🌷शुभ गुरुवार #🌷शुभ शुक्रवार #🌞 Good Morning🌞 #🥳M# 🌷 Good Thursday # 🌷 Happy Friday # 🌞 Good Morning🌞 # 🥳M

🌹🙏🚩जय श्री राम जी जय श्री बजरंगबली जी🚩 🙏🌹 🌹🙏शुभ प्रभात जी 🙏🌹👉(((( हरि मैं जैसो तैसो तेरौ )))).by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब,✍️दक्षिण भारत में गोदावरी के पवित्र किनारे पर कनकावती नगरी थी। वहाँ रामदास नाम के एक भगवद्भक्त रहते थे। वे जाति के चमार थे। .घर में मूली नाम की पतिव्रता पत्‍नी थी और एक सुशील बालक था। .✍️स्‍त्री-पुरुष मिलकर जूते बनाते थे। रामदास उन्‍हें बाजार में बेच आते। इस प्रकार अपनी मजदूरी के पवित्र धन से वे जीवन-निर्वाह करते थे। .✍️तीन प्राणियों का पेट भरने पर जो पैसे बचते, वे अतिथि-अभ्‍यागतों की सेवा में लग जाते या दीन-दु:खियों को बाँट दिये जाते। .✍️संग्रह करना इन भक्त दम्‍पत्ति ने सीखा ही नहीं था। कीर्तन-भजन रामदास घर में कीर्तन किया करते थे। .✍️जूता बनाते-बनाते भी वे भगवन्नाम लिया करते थे। कहीं कथा-कीर्तन का पास-पड़ौस में समाचार मिलता तो वहाँ गये बिना नहीं रहते थे। .✍️उन्‍होंने कीर्तन में सुना था- "हरि मैं जैसो तैसो तेरौ।" यह ध्‍वनि उनके हृदय में बस गयी थी। इसे बार-बार गाते हुए वे प्रेम-विह्वल हो जाया करते थे। .अपने को भगवान का दास समझकर वे सदा आनन्‍दमग्‍न रहते थे।.एक बार एक चोर को चोरी के माल के साथ शालग्राम जी की एक सुन्‍दर मूर्ति मिली। .✍️उसे उस मूर्ति से कोई काम तो था नहीं। उसने सोचा- "मेरे जूते टूट गये हैं, इस पत्‍थर के बदले एक जोड़ी जूते मिल जायँ तो ठीक रहे।" .✍️वह रामदास के घर आया। पत्‍थर रामदास को देकर कहने लगा- "देखो, तुम्‍हारे औजार घिसने-योग्‍य कितना सुन्‍दर पत्‍थर लाया हूँ। मुझे इसके बदले एक जोड़ी जूते दे दो।" .✍️रामदास उस समय अपनी धुन में थे। उन्‍हें ब्रह्मज्ञान पूरा नहीं था। ग्राहक आया देख अभ्‍यासवश एक जोड़ी जूता उठाकर उसके सामने रख दिया। .✍️चोर जूता पहनकर चला गया। मूल्‍य माँगने की याद ही रामदास को नहीं आयी। इस प्रकार शालग्राम जी अपने भक्त के घर पहुँच गये। .रामदास अब उन पर औजार घिसने लगे।.✍️एक दिन उधर से एक ब्राह्मण देवता निकले। उन्‍होंने देखा कि यह चमार दोनों पैरों के बीच शालग्राम जी की सुन्‍दर मूर्ति को दबाकर उस पर औजार घिर रहा है। .✍️ब्राह्मण को दु:ख हुआ यह देखकर। वे आकर कहने लगे- "भाई ! मैं तुमसे एक वस्‍तु माँगने आया हूँ। ब्राह्मण की इच्‍छा पूरी करने से तुम्‍हें पुण्‍य होगा। .तुम्‍हारा यह पत्‍थर मुझे बहुत सुन्‍दर लगता है। तुम इसको मुझे दे दो। इसे न पाने से मुझे बड़ा दु:ख होगा। .चाहो तो इसके बदले दस-पाँच रुपये मैं तुम्‍हें दे सकता हूँ।.✍️रामदास ने कहा- "पण्डित जी ! यह पत्‍थर है तो मेरे बड़े काम का है। ऐसा चिकना पत्‍थर मुझे आज तक नहीं मिला है; पर आप इसको न पाने से दु:खी होंगे, अत: आप ही ले जाइये। .✍️मुझे इसका मूल्‍य नहीं चाहिये। आपकी कृपा से परिश्रम करके मेरा और मेरे स्‍त्री-पुत्र का पेट भरे, इतने पैसे मैं कमा लेता हूँ। प्रभु ने मुझे जो दिया है, मेरे लिये उतना पर्याप्‍त है।" .✍️पण्डित जी मूर्ति पाकर बड़े प्रसन्‍न हुए। घर आकर उन्‍होंने स्‍नान किया। पंचामृत से शालग्राम जी को स्‍नान कराया। .✍️वेदमंत्रों का पाठ करते हुए षोडशोपचार से पूजन किया भगवान का। इसी प्रकार वे नित्‍य पूजा करने लगे। .✍️वे विद्वान थे, विधिपूर्वक पूजा भी करते थे; किंतु उनके हृदय में लोभ, ईर्ष्‍या, अभिमान, भोगवासना आदि दुर्गुण भरे थे। .वे भगवान से नाना प्रकार की याचना किया करते थे। .✍️रामदास अशिक्षित था, पर उसका हृदय पवित्र था। उसमें न भोगवासना थी, न लोभ था। वह रूखी-सूखी खाकर संतुष्‍ट था। .✍️शुद्ध हो या अशुद्ध, पर सात्त्विक श्रद्धा से विश्‍वासपूर्वक वह भगवान का नाम लेता था। भगवान शालग्राम अपनी इच्‍छा से ही उसके घर गये थे। .✍️जब वह भजन गाता हुआ भगवान की मूर्ति पर औजार घिसने के लिये जल छोड़ता, तब प्रभु को लगता कि कोई भक्त पुरुष-सूक्‍त से मुझे स्‍नान करा रहा है। .✍️जब वह दोनों पैरों में दबाकर उस मूर्ति पर रखकर चमड़ा काटता, तब भावमय सर्वेश्‍वर को लगता कि उनके अंगों पर चन्‍दन-कस्‍तूरी का लेप किया जा रहा है। .✍️रामदास नहीं जानता था कि जिसे वह साधारण पत्‍थर मानता है, वे शालग्राम जी हैं, किंतु वह अपने को सब प्रकार से भगवान का दास मानता था। .इसी से उसकी सब क्रियाओं को सर्वात्‍मा भगवान अपनी पूजा मानकर स्‍वीकार करते थे। .✍️ब्राह्मण का स्‍वप्‍न इधर ये पण्डित जी बड़ी विधि से पूजा करते थे, पर वे भगवान के सेवक नहीं थे। .✍️वे धन-सम्‍पत्ति के दास थे। वे धन-सम्‍पत्ति की प्राप्ति के लिये भगवान को साधन बनाना चाहते थे। .भगवान को यह कैसे रुचता। वे तो नि:स्‍वार्थ भक्ति के वश हैं। .✍️भगवान ने ब्राह्मण को स्‍वप्‍न दिया- "पण्डित जी ! तुम्‍हारी यह आडम्‍बरपूर्ण पूजा मुझे तनिक भी नहीं रुचती। मैं तो रामदास चमार के निष्‍कपट प्रेम से ही प्रसन्‍न हूँ। .✍️तुमने मेरी पूजा की है। मेरी पूजा कभी व्‍यर्थ नहीं जाती। अत: तुम्‍हें धन और यश मिलेगा। पर मुझे तुम उस चमार के घर प्रात: काल ही पहुँचा दो।.✍️भगवान की आज्ञा पाकर ब्राह्मण डर गया। दूसरे दिन सबेरे ही स्‍नानादि करके शालग्राम जी को लेकर वह रामदास के घर पहुँचा। .✍️उसने कहा- "रामदास ! तुम धन्‍य हो। तुम्‍हारे माता-पिता धन्‍य हैं। तुम बड़े पुण्‍यात्‍मा हो। भगवान को तुमने वश में कर लिया है। .✍️ये भगवान शालग्राम हैं। अब तुम इनकी पूजा करना। मैं तो पापी हूँ, इसलिये मेरी पूजा भगवान को पसंद नहीं आयी। .भाई ! तुम्‍हारा जीवन पवित्र हो गया। तुम तो भवसागर से पार हो चुके।.✍️नित्य पूजा-पाठ रामदास ने ब्राह्मण के चरणों में प्रणाम किया। उनका हृदय भगवान की कृपा का अनुभव करके आनन्‍द में भर गया। .✍️वे सोचने लगे- "मैं दीन, अज्ञानी, नीच जाति का पापी प्राणी हूँ। न मुझमें शौच है, न सदाचार। .✍️रात-दिन चमड़ा छीलना मेरा काम है। मुझ-जैसे अधम पर भी प्रभु ने इतनी कृपा की। .✍️प्रभो ! तुम सचमुच ही पतितपावन हो।" भगवान को एक छोटे सिंहासन पर विराजमान कर दिया उन्‍होंने। .✍️अब वे नित्‍य पूजा करने लगे। धंधा-रोजगार प्रेम की बाढ़ में बह गया। वे दिनभर, रातभर कीर्तन करते। .✍️कभी हँसते, कभी रोते, कभी गान करते, कभी नाचने लगते, कभी गुमसुम बैठे रहते। .✍️भगवान के दर्शन की इच्‍छा से कातर कण्‍ठ से पुकार करते- "दयाधाम ! जब एक ब्राह्मण के घर को छोड़कर आप इस नीच के यहाँ आये....✍️तब मेरे नेत्रों को अपनी अदभुत रूपमाधुरी दिखाकर कृतार्थ करो, नाथ ! मेरे प्राण तुम्‍हारे बिना तड़प रहे हैं।".✍️रामदास की व्‍यथित पुकार सुनकर भगवान एक ब्राह्मण का रूप धारणकर उनके यहाँ पधारे। .✍️रामदास उनके चरणों पर गिर गये और गिड़-गिड़ाकर प्रार्थना करने लगे कि- "भगवान का दर्शन हो, ऐसा उपाय बताइये।" .✍️भगवान ने कहा- "तुम इस दुराशा को छोड़ दो। बड़े-बड़े योगी, मुनि जन्‍म-जन्‍म तप, ध्‍यान आदि करके भी कदाचित ही भगवान का दर्शन पाते हैं।" .✍️रामदास का विश्‍वास डिगने वाला नहीं था। वे बोले- "प्रभो ! आप ठीक कहते हैं। मैं नीच हूँ, पापी हूँ। मेरे पाप एवं नीचता की ओर देखकर तो भगवान मुझे दर्शन कदापि नहीं दे सकते....✍️परंतु मेरे वे स्‍वामी दीनबन्‍धु हैं, दया के सागर हैं। अवश्‍य वे मुझे दर्शन देंगे। अवश्‍य वे इस अधम को अपनायेंगे।".✍️अब भगवान से नहीं रहा गया। भक्त की आतुरता एवं विश्‍वास देखकर वे अपने चतुर्भुज स्‍वरूप से प्रकट हो गये। .✍️प्रभु ने कहा- "रामदास ! यह ठीक है कि जाति नहीं बदल सकती; किंतु मेरी भक्ति से भक्त का पद अवश्‍य बदल जाता है। .✍️मेरा भक्त ब्राह्मणों का, देवताओं का भी आदरणीय हो जाता है। तुम मेरे दिव्‍य रूप के दर्शन करो।" रामदास भगवान का दर्शन करके कृतार्थ हो गया। ((((((( जय जय श्री राम )))))))

🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 🍒सुप्रभातम् जी मित्रगणों🍒 🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 🌺सभी को मेरा सस्नेह नमस्ते🌺 🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮🔮 🎈छोटा सा एक जीवन सन्देश🎈 🪂🪂🪂🪂🪂🪂🪂🪂🪂 इस जीवन रूपी भौतिक संसार में किसी को पाने के लिए हमारी जीवन की सारी अच्छाईयां खूबियां भी कम पड़ सकती है और खोने के लिए जीवन में बस एक ही कमी काफी होती है साथ ही साथ जीवन भर की सारी अच्छाईयां एक ही पल में नष्ट हो जाती है हम कुछ भी नही कर पाते है देखते ही देखते रह जाते है इसलिए जीवन में हर प्रत्येक कदम पग सभल सभल कर जीवन में चलने का प्रयत्न करना चाहिए जीवन सुखी रहेगा जीवन में ध्यान रखना कभी भी अपने अंदर अभिमान मत आने देना सब ठीक रहेगा 4 Good morning friends 4 Hello to everyone 4 Little one life message 4 In this life-like physical world To get someone All the good in our life Features may also be less And To lose in life Only one shortage is enough As well as All the goodness of life Perish in an instant We can't do anything On sight So Every step in life should try to walk every step of the life, life will be happy, take care in life, never let pride come in you. 4। 🎊🎊🎊🎊🎊🎊

╭ 🌹 💞💞💞💞💞💞💞 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹💓💓 ●⬤⚫⬤⌾● ┗╯\╲☆●💖═❥ ❥ ❥ Suno तेरे__प्यार__में__दो......!!!! #__पल__की__जिन्दगी__बहुत__है💦 💦💕#__एक__पल__की__हँसी...!!! #__और__एक__पल__की__खुशी__बहुत_है💦 💦??#__यह__दुनिया........!!! #__मुझे__जाने__या__न__जाने,...💦 💦??#__तेरी__आँखें__मुझे....!!! #__पहचाने__बस__यही__बहुत__है💏.....💦 ❥━━❥❥ ❥━━❥❥ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊ ┊★ ┊ ┊ ┊☆♥ ┊ ┊★💖●⌾●⬤⚫⬤● ●⬤⚫⬤⌾● ┊☆💜 ★💛.▂▃▄▅▆▇██▇▆▅▄▃ मेरी #आँखों__________से पूछ #मुहब्बत की बेबसी तेरे #सिवा__________इन्हें कोई अच्छा नहीं #लगता🥀🌹 ◦•●◉✿ •♥•♥•♥ ✿┅═══❁✿ ♥️ #oye #सुन..👦👦 💞😘___________________😘💞 🍂🌹_________❣️________________🌹🍂 #एक बार हीं #बहकती हैं😋 ये #निगाहें किसी को #देखकर......?? 🍂🌹_________❣️_________________🌹🍂 ये #इश्क है जनाब बार बार #थोड़े हीं होता है.🍁 🍂🌹_________❣️________________🌹🍂 🍂🌹_________❣️_________________🌹💕 💞😘___________________😘💞 ✿┅═══❁✿ ♥️ ✿❁═══┅✿ ____#Vnita_____🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ♥•♥•♥🔮❥ मेरी #आँखों__________से पूछ ❥🔮 ‼️♡ #मुहब्बत की बेबसी ♡‼️ 🔮❥ तेरे #सिवा__________इन्हें कोई ❥ 🔮 ‼️♡ अच्छा नहीं #लगता ♡‼️ #jaihind🇮🇳❤️💪🙏 𝗣𝗮𝗴𝗮𝗹 कान्हा🤘🤘🤘🤘🤘🤘🤘🤘🤘🤘🔮❥ मेरी #आँखों__________से पूछ ❥🔮 ‼️♡ #मुहब्बत की बेबसी ♡‼️ 🔮❥ तेरे #सिवा__________इन्हें कोई ❥ 🔮 ‼️♡ अच्छा नहीं #लगता ♡‼️ 𝙹𝙰𝚈 𝚂𝙷𝚁𝙴𝙴 𝙺𝚁𝙸𝚂𝙷𝙽𝙰 𝚁𝙰𝙳𝙷𝙴 𝚁𝙰𝙳𝙷𝙴💓🙏 ❍━━━━━━━☮︎━━━━━━━❍ श्याम ✨✨ राधा ❍━━━━━━━☮︎━━━━━━━❍ -.▀██▀ ^──██────(▒)(▒) ^──██───(▒)(♥)(▒) ^─▄██▄▄█─(▒)(▒) ^───.───▄███▄ ^───.──███─███─(▒)(▒) ^───.──▀██▄██▀(▒)(♥)(▒) ^───.────███───(▒)(▒) ^───.─────── ▀██─██▀ ^───.──────── ██─██─(▒)(▒) ^───.──────── ▀█▄█▀(▒)(♥)(▒) ^───.──────────▀───(▒)(▒) ^───.────────────██▀▀▀█ ^───.──(▒)(▒)──────██▄█──(▒)(▒) ^───.─(▒)(♥)(▒)─────██▀█─(▒(♥(▒) ───.──(▒)(▒)──────██▄▄▄█(▒) ^_____█████____█████ ^___██♥◊◊◊◊██_██◊ ◊♥██ ^_██♥◊◊ ◊◊█_█◊◊ ◊♥██ ██♥◊◊ ◊◊█◊◊ ◊◊♥██ ██♥◊◊ ◊◊◊ ◊◊♥██ ██♥ ♥██ ^_██♥ 👉😘🥀💏 ♥██ ^__██♥ ♥️██ ^____██♥ ♥██ ^______██♥◊◊ ◊◊♥██ ^________██♥◊◊ ^___________██♥◊◊ ^_____________██♥◊◊ .•°``°•.¸.•°``°•. ( [[]] ) `•.¸ ¸.•` °•.¸¸.•° ●❯─────────────────❮● ┏┓┈╭━━╮┓┏┓━━┓ ┃┃┉┃╭╮┃┃┃┃┏━┛ ┃┃┈┃┃┃┃┃┃┃┗━┓ ┃┃┉┃┃┃┃┃┃┃┏━┛ ┃┗━┓╰╯┃╰╯┃┗━┓ ┗━━┛━━╯━━╯━━┛ ________/)_☼_____./¯"""/') ¯¯¯¯¯¯¯¯¯\)¯☼¯¯¯¯'\_„„„„\) ◯╔╗═◯╔═╗◯╔╦╗◯╔╗ ◯║╚╗◯║║║◯║║║◯║╣ ◯╚═╝◯╚═╝◯╚═╝◯╚╝    ┊┊┊┊┊     ┊┊┊┊💞    ┊┊┊💞    ┊┊💞    ┊💞 💞 ●❯─────────────────❮● #राधा के #मन की #राधा ही #जाने #श्याम न #आये बन्शी #बजाने #लगता है #कि #वृंदावन मै #अब ना #रास रचेगी. #अब ये #कहानी किस #काम कि. #राधा तो #बनी है #श्याम कि.🔮❥ मेरी #आँखों__________से पूछ ❥🔮 ‼️♡ #मुहब्बत की बेबसी..😘 ️✮❤️☘️✣┼┼✣✮☘️❤️ ┈┉┅━❀꧁ω❍ω꧂❀━┅┉┈ ✮❤️☘️✣┼┼✣☘️❤️✮ 🔮❥ तेरे #सिवा__________इन्हें कोई ❥ 🔮 ‼️♡ अच्छा नहीं #लगता ❤‼️ 💟😍😍😍***💞 💕💕#तुझसे बेइंतहा #मुहब्बत है #बस इतना #कुबूल कर #पाऊ....!!💕💕 💕💕#बता कौन #सी राह #से आऊ #कि तुम #तक पहुँच #जाऊ...!!💕💕 #.. 💞

🔮❥ मेरी #आँखों__________से पूछ ❥🔮 ‼️♡ #मुहब्बत की बेबसी ♡‼️ 🔮❥ तेरे #सिवा__________इन्हें कोई ❥ 🔮 ‼️♡ अच्छा नहीं #लगता ♡‼️ 𝙹𝙰𝚈 𝚂𝙷𝚁𝙴𝙴 𝙺𝚁𝙸𝚂𝙷𝙽𝙰 𝚁𝙰𝙳𝙷𝙴 𝚁𝙰𝙳𝙷𝙴💓🙏 ❍━━━━━━━☮︎━━━━━━━❍ श्याम ✨✨ राधा ❍━━━━━━━☮︎━━━━━━━❍ -.▀██▀ ^──██────(▒)(▒) ^──██───(▒)(♥)(▒) ^─▄██▄▄█─(▒)(▒) ^───.───▄███▄ ^───.──███─███─(▒)(▒) ^───.──▀██▄██▀(▒)(♥)(▒) ^───.────███───(▒)(▒) ^───.─────── ▀██─██▀ ^───.──────── ██─██─(▒)(▒) ^───.──────── ▀█▄█▀(▒)(♥)(▒) ^───.──────────▀───(▒)(▒) ^───.────────────██▀▀▀█ ^───.──(▒)(▒)──────██▄█──(▒)(▒) ^───.─(▒)(♥)(▒)─────██▀█─(▒(♥(▒) ───.──(▒)(▒)──────██▄▄▄█(▒) ^_____█████____█████ ^___██♥◊◊◊◊██_██◊ ◊♥██ ^_██♥◊◊ ◊◊█_█◊◊ ◊♥██ ██♥◊◊ ◊◊█◊◊ ◊◊♥██ ██♥◊◊ ◊◊◊ ◊◊♥██ ██♥ ♥██ ^_██♥ 👉😘🥀💏 ♥██ ^__██♥ ♥️██ ^____██♥ ♥██ ^______██♥◊◊ ◊◊♥██ ^________██♥◊◊ ^___________██♥◊◊ ^_____________██♥◊◊ .•°``°•.¸.•°``°•. ( [[]] ) `•.¸ ¸.•` °•.¸¸.•° ●❯─────────────────❮● ┏┓┈╭━━╮┓┏┓━━┓ ┃┃┉┃╭╮┃┃┃┃┏━┛ ┃┃┈┃┃┃┃┃┃┃┗━┓ ┃┃┉┃┃┃┃┃┃┃┏━┛ ┃┗━┓╰╯┃╰╯┃┗━┓ ┗━━┛━━╯━━╯━━┛ ________/)_☼_____./¯"""/') ¯¯¯¯¯¯¯¯¯\)¯☼¯¯¯¯'\_„„„„\) ◯╔╗═◯╔═╗◯╔╦╗◯╔╗ ◯║╚╗◯║║║◯║║║◯║╣ ◯╚═╝◯╚═╝◯╚═╝◯╚╝    ┊┊┊┊┊     ┊┊┊┊💞    ┊┊┊💞    ┊┊💞    ┊💞 💞 ●❯─────────────────❮● #राधा के #मन की #राधा ही #जाने #श्याम न #आये बन्शी #बजाने #लगता है #कि #वृंदावन मै #अब ना #रास रचेगी. #अब ये #कहानी किस #काम कि. #राधा तो #बनी है #श्याम कि.

*जो हो गया उसे सोचा* *नहीं करते......!* *जो मिल गया उसे खोया* *नहीं करते..........* *हासिल उन्हें ही होती है* *सफलता......* *जो वक्त और हालात पर* *रोया नहीं करते....!!* 💐 *वनिता पंजाब* *सुप्रभात* 💐,