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देश में मौसम के मिजाज बदल गए हैं. सोमवार को गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत कई जगहों पर भारी बारिश से जनजीवन खासा प्रभावित हो गया. गुजरात में तो बारिश और बाढ़ की वजह से बीते 24 घंटे में 63 लोगों की जान चली गई. बारिश से प्रभावित 10 हजार से ज्यादा लोगों को सरकार ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा है. बलुवाना न्यूज़ 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसी तरह, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी बारिश ने मुसीबत बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने मंगलवार को उत्तराखंड और केरल में भी बारिश का अलर्ट जारी किया है.गुजरात में अंबिका नदी के तट पर अचानक बाढ़ के कारण सरकारी कर्मचारी फंस गए. बाद में वलसाड के कलेक्टर ने भारतीय तटरक्षक को सूचना दी और मदद मांगी. ICG के एक अधिकारी ने बताया कि चेतक हेलीकॉप्टर के जरिए अभियान चलाया. तेज हवाओं और भारी बारिश के चलते थोड़ा परेशानी आई, मगर 16 लोगों को बचा लिया गया है. वहीं, वालसाड जिले के कलेक्टर ने भारी बारिश को देखते हुए सभी स्कूल और कॉलेज कल 12 जुलाई को बंद रखने के आदेश दिए हैं.गुजरात सरकार के मुताबिक, राज्य में सोमवार शाम 6 बजे तक बारिश की वजह से 10700 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. बारिश का दौर थमा नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में बाढ़ को लेकर ट्वीट किया और कहा- गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते उत्पन्न हुई बाढ़ जैसी परिस्थितियों के संदर्भ में मैंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जी से बात की और मोदी सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. गुजरात प्रशासन, SDRF और NDRF प्रभावित लोगों तक त्वरित मदद पहुंचाने में लगे हैं. ​बताते चलें कि गुजरात में नर्मदा नदी में बाढ़ आ गई है. यहां डेडीयापाडा और सागबारा में 8 घंटे में 17 इंच बारिश हुई है, जिसके चलते करजन डैम के 9 गेट खोल दिए गए हैं. इन 9 गेट से 2 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. ऐसे में भरूच और नर्मदा जिले के लो लाइन एरिया में अलर्ट जारी किया है. भरूच के 12 और नर्मदा के 8 गांव को अलर्ट मोड पर रखा गया है. यहां बाढ़ से हालात बिगड़ने की आशंका है.दरअसल, करजन नदी का पानी सीधा नर्मदा नदी में मिलता है, जिसके चलते भरूच के पास नर्मदा के लेवल में बढ़ोतरी होगी. आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने बताया कि राज्य के फिलहाल 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी है. भारी बारिश हो रही है. प्रशासन अलर्ट पर है और कुशलता से काम कर रहा है. बिजली गिरने से 63 लोगों की मौत हो गई है. सीएम हर घंटे हालात का जायजा कर रहे हैं.गुजरात में आज सुबह 6 से शाम 4 बजे तक बारिश के आंकडे़...नर्मदा- डेडीयापाडा में 442 मिमीसूरत -उमरपाड़ा में 345 मिमीवालसाड़ - कपराड़ा में 216 मिमीडांग- 142 मिमीजबकि अहमदाबाद में आज सुबह पांच बजे से बारिश रुकी हुई है. लेकिन देर रात बारिश ने परेशानियां बढ़ा दीं. यहां शाम 6 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक करीब 456 मिमी बारिश दर्ज की गई है. जबकि छोटा उदयपुर के बोडेली में 6 घंटे में 411 मिमी बारिश दर्ज की गई है.वहीं, गुजरात में बारिश कहर बरपा रही है. यहां बारिश की शुरुआत से लेकर कल तक 61 लोगों की मौत हुई है. वहीं, NDRF की 13 टीम को गुजरात में तैनात किया गया है. इनमें नवसारी में दो, गिर सोमनाथ, सूरत, राजकोट, बनासकांठा,वलसाड, भावनगर, कच्छ, जामनगर, अमरेली, द्वारिका और जूनागढ़ में एक-एक लगाई गई है.इसके अलावा, राज्य में एसडीआरएफ की 18 टीम को तैनात किया गया है. गुजरात में बारिश की वजह से स्टेट हाइवे और गांव की सड़कों को मिलाकर 300 से ज्यादा सड़क बंद हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के बात की और पिछले 48 घंटे में हुई भारी बारिश के बारे में जानकारी ली. साथ ही केंद्र सरकार के जरिए जरूरी सभी मदद करने भरोसा दिलाया.गुजरात में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण गुजरात के सूरत, वलसाड, नवसारी, तापी, डांग जिले में भारी बारिश होने का अनुमान है. इसी तरह, मध्य गुजरात में नर्मदा, पंचमहाल, भरुच, वडोदरा, खेडा, आणंद, सौराष्ट्र में भावनगर, अमरेली, मोरबी के अलावा कच्छ में भारी बारिश हो सकती है.गुजरात में बांध के हालात...गुजरात में 207 छोटे-बडे़ बांध हैं, जिसमें 13 बांध हाईअलर्ट पर हैं. 8 बांध अलर्ट पर हैं. 7 बांध खतरे के निशान के करीब हैं. जबकि सरदार सरोवर बांध अपनी क्षमता के 45.37% भर चुका है. इसके अलावा, 11 बांध 100 फीसदी भर चुके हैं. 18 बांध 70 से 100 फीसदी भर चुके हैं. वहीं 25 बांध 50 से 70 फीसदी भर चुके हैं. इनमें उत्तर गुजरात के 15, मध्य गुजरात के 17, दक्षिण गुजरात के 13, कच्छ के 20 और सौराष्ट्र के 141 बांध भर चुके हैं.गुजरात में बारिश के चलते छोटाउदेपुर जिले में आज स्कूल, कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और आंगनबाड़ी बंद रखे गए थे.मध्य प्रदेश में 33 जिलों में भारी बारिश का अलर्टमध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने 33 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. राज्य में 24 घंटे में बिजली गिरने से 7 की मौत हुई है. IMD ने कहा कि मंगलवार सुबह भारी बारिश होने की संभावना है. इन 33 जिलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम शामिल हैं. राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में एक जून से अब तक बिजली गिरने से 60 लोगों की मौत हुई है. ​पिछले 24 घंटे में जहां सात मौतें हुईं हैं, उनमें मंडला में दो, अशोक नगर, दतिया, गुना, नरसिंहपुर और नर्मदापुरमन में एक-एक की जान गई है. राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में सोमवार सुबह 8:30 बजे तक बीते 24 घंटे में 103.2 मिमी बारिश हुई. जबकि रायसेन, बैतूल, नर्मदापुरम, जबलपुर, छिंदवाड़ा, भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में क्रमशः 86.4 मिमी, 72.6 मिमी, 70.4 मिमी, 55.0 मिमी, 55.0 मिमी, 46.4 मिमी, 21.9 मिमी और 17.2 मिमी वर्षा हुई.भोपाल जिले में अब तक 365.7 मि.मी. औसत वर्षा दर्जभोपाल जिले में सोमवार सुबह 8:30 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 365.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई. रातभर में ही 91.5 मिमी बारिश हो चुकी है. ​MP में आज शाम 8:30 बजे बारिश.. (मिमी में)रायसेन सिटी - 98.0, भोपाल सिटी - 78.2, सिवनी सिटी - 70.0, गुना सिटी - 43.0, नर्मदापुरम सिटी - 42.0, विदिशा - कुरवाई - 38.0, शिवपुरी - करैरा - 36.5, खंडवा सिटी - 35.0, छिंदवाड़ा - पेंच - 34.0, गुना - आरोन KVK - 33.5, शिवपुरी - पिपरसमा KVK - 23.5, भोपाल - बैरागढ़ - 21.8, शिवपुरी - नरवर - 19.0, बालाघाट - पाला KVK - 19.0, ग्वालियर सिटी - 16.0, खरगोन सिटी - 16.0, मंडला सिटी - 11.0, सागर - लह्दारा KVK - 10.5, खण्डवा - KVK - 10.5, बालाघाट - मलाजखंड - 8.0, खंडवा - न्यू हरसूद - 6.0, रायसेन - बेगमगंज - 4.0, राजगढ़ सिटी - KVK - 3.0, दमोह सिटी/ मड़ियाहार KVK - 3.0, सतना - जीतनगर- मैहर - 2.5, बैतूल सिटी - 2.0, अशोकनगर - आंवरी KVK - 1.5, उज्जैन सिटी - 1.0, बड़वानी - तालुन KVK - 1.0, सागर सिटी - 0.8, इंदौर - एयरपोर्ट - 0.8, जबलपुर सिटी - 0.5, सीधी - रामपुर नैकिन - 0.5, छिंदवाड़ा सिटी - 0.4.महाराष्ट्र: नासिक में 12वीं के स्कूल बंद रहेंगेमहाराष्ट्र में बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात हैं. यहां नासिक में लगातार बारिश की वजह से 14 जुलाई तक रेड अलर्ट जारी किया गया है. कल यानी 12 जुलाई को कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. स्थानीय प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. मौसम विभाग ने नासिक में अगले 3 दिनों के लिए बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. नासिक में सोमवार को चौथे दिन भी भारी बारिश रही. पिछले 12 घंटे में त्र्यंबकेश्वर में 182 मिमी बारिश हुई, जबकि इगतपुरी में 137 मिमी बारिश हुई. गोदावरी नदी पर रामकुंड घाट के आसपास के मंदिरों में बाढ़ का पानी भर गया है. यहां जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. गोदावरी तट पर रहने वालों को अलर्ट जारी कर दिया गया है.यहां गोदावरी नदी उफान पर है. रामघाट पर सभी मंदिर पानी में डूबे हैं. जिले में 7 डैम से पानी निकाला जा रहा है. डैम में पानी की मात्रा 18% से 51% तक पहुंच गई. इसके अलावा, सप्तशृंगी माता के पहाड पर स्थित मंदिर परिसर में अचानक बाढ़ आने से 7 लोग जख्मी हो गए. जिला प्रशासन ने मदद के लिये SDRF की टीम बुलाई है. अब तक 3 रास्ते और 7 पुल डूबे हैं.गंगापुर बांध से 7000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जबकि इगतपुरी में डरना बांध से 10500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे ने गढ़चिरौली के हालात की जानकारी ली. वहां भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं.यवतमाल में चार दिन से बारिश जारीयवतमाल में भारी बारिश हो रही है. यहां पिछले 4 दिन में 1000 मिमी से अधिक बारिश हुई है. कपास और सोयाबीन की सैकड़ों एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है. बाभुलगांव, कलांब, वाणी, मारेगांव गांवों में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. भारी बारिश के कारण छोटी सड़कें और पुल भी पानी में डूब गए हैं, जिससे कनेक्टिविटी पर प्रभावित हो गई है.नंदुरबार में स्कूली बच्चों को बचाया गयामहाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के अक्कलकुवा में भारी बारिश से स्कूल जलमग्न हो गए हैं. वडफली आश्रम स्कूल के छात्रों को सुरक्षित निकाला गया है. ये गांव सतपुड़ा की सुदूर पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है. नंदुरबार में रविवार से हो रही लगातार बारिश से देव नदी में बाढ़ आ गई है और आश्रम के स्कूल में बाढ़ का पानी आ गया था. स्कूल के छात्रों को रस्सी की मदद से बचाया गया और उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. कुछ छात्रों को आश्रम स्कूल की तीसरी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया गया.ओडिशा: बाढ़ में फंसे स्कूली बच्चों ने रस्सी के सहारे पार की नदीओडिशा के गंजाम जिले में स्कूली बच्चों ने जिंदगी को दांव पर लगाकर नदी पार की है. ये बच्चे बाढ़ आने से फंसे थे. ग्रामीणों की मदद से बच्चों ने रस्सी के सहारे नदी पार की. मामला पात्रापुर प्रखंड का है. यहां गांव में पुल नहीं होने के कारण लोगों को नदी पार कर निकलना होता है. शिक्षा मंत्री ने स्थानीय विधायक और विभाग के अधिकारियों को समस्या हल करने का आदेश दिया है. ​बारिश के मौसम में हमेशा पंचायत के करीब 15 गांवों के स्थानीय लोगों को नदी के बीचों-बीच पार कर निकलना पड़ता है. शुक्रवार को स्कूली बच्चों ने देखा कि भारी बारिश के कारण नदी में बाढ़ आ गई है. जिसके बाद बच्चों ने घबराकर पास के ग्रामीणों से सहायता करने की मांग की. ऐसे में लोगों ने एक छोर से दूसरे छोर पर रस्सी बांध कर बच्चों को नदी पार करवाई. हालांकि ऐसे में जान का खतरा बना रहता है. ​तेलंगाना भी जमकर बारिशIMD ने तेलंगाना के उत्तरी जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. तेलंगाना के निर्मल, मुलुगु, एतुरनगरम जिलों के कई निचले इलाकों में बारिश का पानी भर गया है. एहतियात के तौर पर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को शिविरों और पुनर्वास केंद्रों में भेजा गया है.तेलंगाना में सीएम ने हाई अलर्ट पर रहने को कहातेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्य के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार बारिश के कारण अफसरों को अलर्ट रहने के लिए कहा है. यहां गोदावरी नदी उफान पर है. SRSP और अन्य जलाशयों में पानी छोड़ने का निर्देश दिया है. IMD ने अगले दो से तीन दिनों में तेलंगाना के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. सीएम केसीआर ने मंत्रियों, विधायकों, कलेक्टरों, सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने अन्य कार्यक्रम रद्द करने और खुद लोगों के बीच पहुंचने के निर्देश दिए हैं. इन सभी को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है.कर्नाटक: सीएम ने प्रभावित इलाके का दौरा करेंगेकर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई राज्य के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. सीएम हालात की समीक्षा के बाद जरूर कार्रवाई के निर्देश देंगे. बोम्मई ने कहा कि वह कोडागु, दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी जिलों का दौरा करेंगे. ये इलाके भारी बारिश से ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

मालपुआ कैसे बनाते है (Malpua Kaise Banate Hain)By वनिता कासनियां पंजाबनरम-नरम मालपुआ खाना को सबको पसंद है पर कुछ लोग कहते है कि इतने साॅफ्ट मालपुआ घर में नहीं बन सकते है। पर ऐसा नहीं, आज हम आपके साथ शेयर कर रहे है मालपुआ बनाने की जबरदस्त रेसिपी (Malpua Recipe in Hindi)। जिससे आप आसानी से मालपुआ बना सकते हो। पोस्ट के नीचे कुछ टिप्स भी दिए गए है आप उन्हें जरूर फोलो करें, इनसे आपको मालपुआ बनाने में आसानी होगी। इस रेसिपी से आपके मालपुआ चाशनी से भरे-भरे और मुलायम बनेंगे। हम इस रेसिपी में बेकिग पाउडर या मीठा सोडा नहीं डाल रहें है, ये मालपुआ आप घर में हमेशा रहने वाली सामग्री से बना सकते है इसलिए आप इस रेसिपी को जरूर ट्राई करें। तो चलिए मालपुआ बनाना स्टार्ट करते है।मालपुआ कैसे बनाते है (Malpua Kaise Banate Hain)Contents [hide].1 मालपुआ कैसे बनाते है (Malpua Kaise Banate Hain)1.1 मालपुआ बनाने की सामग्री1.2 मालपुआ बनाने की विधि (malpua banane ki vidhi)1.3 Malpua Recipe in Hindi1.4 इन बातों का रखें ध्यान1.4.1 ये भी पढ़े (Malpua Recipe in Hindi)Malpua RecipeMalpua Recipeमालपुआ बनाने की सामग्री1 कप आटाआधा कप मलाई1 कप चीनीआधा चम्मच इलायची पाउडर1 चैथाई कप सूजी2 कप दूध1 कप पानीमालपुआ बनाने की विधि (malpua banane ki vidhi)सबसे पहले हम एक बर्तन लेंगे और उसमें आटा और सूजी डाल लेंगे। आटे के अंदर हम थोङा-थोङा करके दूध डालेंगे और मिक्स करते जाएगें।एक साथ दूध नहीं डालना है क्योंकि एक साथ दूध डालने से आटे में गूठलियाँ बन जाती है और मालपुआ हमेशा ही चिकने और मलाईदार आटे से ही बनते है।आटे और दूध का हमें बिल्कुल चिकना पेस्ट बनाना है। पेस्ट ज्यादा पतला भी नहीं होना चाहिए क्योंकि अगर ज्यादा पतला हो जाएगा तो वो कङाही के तले में चिपक जाएगा।आटा इतना ही पतला होना चाहिए कि जैसे ही हम उसे कङाही में डालें तो वो अपने आप ही फैलने लगे।आप आप चाहे तो आप आटे में सौंफ भी डाल सकते है, क्योंकि काफी लोगों को मालपुआ में सौंफ पसंद होती है।फिर हम इसमें मलाई डाल देंगे और फिर से मिक्स कर देंगे। अगर आपके पास मलाई उपलब्ध नहीं है तो आप इसमें अमूल की क्रीम भी मिला सकते है, उससे भी टेस्ट अच्छा और चिकना आता है।आटे और दूध को मिक्स करने के बाद हम इसे 15 मिनट तक आराम करने के रख देंगे।जब तक आटा आराम कर रहा है तब हम तक हम चाशनी बना लेंगे। चाशनी बनाने के लिए हम एक बर्तन लेंगे और उसमें 1 कप चीनी और 1 कप पानी डाल देंगे।ध्यान रखें जिस कप से आप चीनी लें उसी कप से पानी लेना है।खुश्बू के लिए हम इसमें आधा चम्मच इलायची पाउडर डाल देंगे। अगर आप इलायची पाउडर पसंद नहीं करते है तो आप इसमें केसर के धागे भी डाल सकते हो। इससे चाशनी का रंग और टेस्ट दोनों ही अच्छे आते है।Malpua Recipe in Hindiचाशनी की हमें कोई तार नहीं बनानी है। जब चीनी पानी में घुल जाएगी तब हम गैस को मीडियम करके इसे 2 मिनट तक पकाएंगे और फिर गैस को बंद कर देंगे।पतली चाशनी रखने से चाशनी मालपुआ के अंदर जल्दी चली जाती है और मालपुआ बिल्कुल साॅफ्ट बनते है।फिर हम एक पैन या कङाही लेंगे और उसमें घी डाल लेंगे। ध्यान रखें अगर आप कङाही इस्तेमाल कर रहें है तो कङाही का नीचे का तला बिल्कुल सीधा होना चाहिए यानी गहरा नहीं होना चाहिए। पैन तो वैसे ही समतल ही होता है।मालपुआ को घी में बनाया जाए तो उसका टेस्ट बहुत अच्छा आता है पर अगर आप तेल इस्तेमाल कर रहे है तो आप इसमें राइस ऑयल या सनफ्लोवर ऑयल इस्तेमाल करें, क्योंकि ऐसे तेलों में कोई खूश्बू नहीं होती है और टेस्ट भी अच्छा आता है।कङाही में हमें उतना ही घी डालना है कि घी कङाही के तले से 1 इंच ऊपर रहे। मतलब आप कङाही में लगभग 3 कप घी डाल लेंगे।जब घी बिल्कुल गर्म हो जाएगा तब हम इसमें तैयार किए आटे में से 3 बङे चम्मच आटा कङाही में डाल देंगे। आटा अपने पास कङाही में फैल जाएगा।फिर हम मालपुआ को नीचे से पकने देंगे। जब मालपुआ नीचे से सुनहरा हो जाएगा तब हम मालपुआ को पलट देंगे और गैस को मीडियम कर देंगे, ताकि मालपुआ अंदर से भी पक जाए।मालपुआ को पकने में लगभग 4-5 मिनट लगेगी और मालपुआ दोनों तरफ और अंदर से अच्छी तरह पक जाएगा। फिर हम मालपुआ को चाशनी में डाल देंगे।मालपुआ को चाशनी में डालने के 2 मिनट बाद हम मालपुआ को चाशनी से निकाल लेंगे क्योंकि 2 मिनट में मालपुआ चाशनी से भर जाएगा।इसी तरह हम सारे मालपुआ बना लेंगे और गर्मागर्म सर्व करेंगे।इन बातों का रखें ध्यानमालपुआ का साॅफ्ट होना बहुत जरूर होता है क्योंकि साॅफ्ट होने के कारण ही यह बहुत मशहूर है।इसे बनाते वक्त आप ध्यान रखें कि कङाही में घी ज्यादा ना डालें क्योंकि ज्यादा डालने से मालपुआ मोटा बनता है।अगर आप मालपुआ के ठंडा होने के बाद इसे चाशनी में डालते है तो चाशनी मालपुआ में नहीं जाती है इसलिए इसे कङाही से निकालते ही इंतजार नहीं करना है, इसे फटाफट चाशनी में डाल देना है।कई बार चाशनी ठंडी हो जाती है इस कारण से भी चाशनी मालपुआ में नहीं जाती है। इसलिए अगर चाशनी ठंडी हो गई है तो आप चाशनी को गुनगुना जरूर करें। इससे चाशनी मालपुआ में आसानी से चली जाती है और साथ ही मालपुआ और साॅफ्ट हो जाता है।कई लोग मालपुआ बनाते समय बेकिग पाउडर का इस्तेमाल भी करते है, पर आप इसमें बेकिग पाउडर का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें क्योंकि इससे कई बार मालपुआ फट जाता है और ठीक तरीके से नहीं बनता है।अगर आप घी गर्म होने से पहले ही मालपुआ का आटा कङाही में डाल देते हो तो आटा कङाही के तले में चिपक जाएगा और घी भी खराब हो जाएगा।अगर आप मालपुआ का आटा कङाही में डालने के तुरंत बाद आटे को हिलाते हो तो भी मालपुआ टूट सकता है और मालपुआ टूटने से वैसे भी सारा घी उसमें चला जाता है और उसका टेस्ट खराब हो जाता है।

कॉन्फिडेंस की कमी के कारण नहीं ले पाते हैं सही फैसला, आज ही घर ले आएं लाफिंग बुद्धा By वनिता कासनियां पंजाब ? यदि आपके काम का क्रेडिट भी कोई और ले जाता है और आप खड़े होकर बस देखते रह जाते हैं, बस बिना देर कि

कूलर में कौन सी घास प्रयोग होती है? By वनिता कासनियां पंजाबभ ारत मेँ कूलर के लिए फ़िलहाल तीन प्रकार के कूलिंग पेड (जालियां) इस्तेमाल हो रहीं हैं |सबसे पुरानी है - "खस" नामक घांस कि जड़ों से बनी जाली, जो कम उपलब्धता के कारण सबसे महंगी है | प्रसिद्ध "खस" का इत्र (ओरिजनल) भी इन्ही जड़ों से बनाया जाता है | कूलर में इनका उपयोग आजकल लगभग बंद हो गया है |दूसरी है - "वुड वूल" अर्थात चीड़ की वेस्टेज लकड़ी की मशीन से बनाई गई लम्बे रेशे वाली छीलन से बनी जालियां | ये काफी सस्ती होती हैं, व लगभग 70 % सस्ते व मीडियम मूल्य के कूलर्स मेँ इन्ही का उपयोग होता है |तीसरी - सबसे महंगी कागज़ की लुगदी से बनी "हनी कॉम्ब" जालियां | ये कागज़ की लुगदी में कोई सिंथेटिक पदार्थ मिला कर, फैक्ट्री में बनाई जाती हैं, ये काफी महंगी होती हैं, इसी लिए महंगे ब्रांडेड कूलर्स में ही दिखाई देते हैं |सभी चित्र गूगल से साभार

*🔹 आज का प्रेरक प्रसंग 🔹* *!! आरम्भ !!*~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~By वनिता कासनियां पंजाब ?एक राजा था जिसका नाम रामधन था उनके जीवन में सभी सुख थे | राज्य का काम काज भी ऐशो आराम से चल रहे था | राजा के नैतिक गुणों के कारण प्रजा भी बहुत प्रसन्न थी | और जिस राज्य में प्रजा खुश रहती हैं वहाँ की आर्थिक व्यवस्था भी दुरुस्त होती हैं इस प्रकार हर क्षेत्र में राज्य का प्रवाह अच्छा था |इतने सुखों के बाद भी राजा दुखी था क्यूंकि उसकी कोई संतान नहीं थी यह गम राजा को अंदर ही अंदर सताता रहता था | प्रजा को भी इस बात का बहुत दुःख था | वर्षों के बाद राजा की यह मुराद पूरी हुई और उसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई | पुरे नगर में कई दिनों तक जश्न मना | नागरिकों को राज महल में दावत दी गई | राजा की इस ख़ुशी में प्रजा भी झूम रही थी |समय बितता जा रहा था राज कुमार का नाम नंदन सिंह रखा गया | पूजा पाठ एवं इन्तजार के बाद राजा को सन्तान प्राप्त हुई थी इसलिये उसे बड़े लाड़ प्यार से रखा जाता था लेकिन अति किसी बात की अच्छी नहीं होती अधिक लाड़ ने नंदन सिंह को बहुत बिगाड़ दिया था | बचपन में तो नंदन की सभी बाते दिल को लुभाती थी पर बड़े होते होते यही बाते बत्तमीजी लगने लगती हैं | नंदन बहुत ज्यादा जिद्दी हो गया था उसके मन में अहंकार आ गया था वो चाहता था कि प्रजा सदैव उसकी जय जयकार करे उसकी प्रशंसा करें | उसकी बात ना सुनने पर वो कोलाहल मचा देता था | बैचारे सैनिको को तो वो पैर की जुती ही समझता था | आये दिन उसका प्रकोप ी हैं |नंदन को सभी बातें विस्तार से समझ आ जाती हैं और वो अपने महल लौट जाता हैं | नंदन में बहुत परिवर्तन आता हैं और वो बाद में एक सफल राजा बनता हैं |*शिक्षा:-*गुरु की सीख ने नंदन का जीवन ही बदल दिया, वो एक क्रूर राज कुमार से एक न्याय प्रिय दयालु राजा बन गया |इस प्रसंग से हमें यही शिक्षा मिलती हैं कि हममें गुण होंगे तो लोग हमें हमेशा पसंद करेंगे लेकिन अगर हम अवगुणी हैं तो हमें प्रशंसा कभी नहीं मिल सकती |*सदैव प्रसन्न रहिये।**जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

*🌳🦚आज की कहानी🦚🌳*By वनिता कासनियां पंजाब ?*💐💐ताबूत💐💐*एक दिन एम्प्लाइज जब ऑफिस पहुंचे तो उन्हें गेट पर एक बड़ा सा नोटिस लगा दिखा :” इस कंपनी में जो व्यक्ति आपको आगे बढ़ने से रोक रहा था कल उसकी मृत्यु हो गयी ।हम आपको उसे आखिरी बार देखने का मौका दे रहे हैं , कृपया बारी-बारी से मीटिंग हॉल में जाएं और उसे देखने का कष्ट करें ।जो भी नोटिस पढता उसे पहले तो दुःख होता लेकिन फिर जिज्ञासा हो जाती की आखिर वो कौन था जिसने उसकी ग्रोथ रोक रखी थी … और वो हॉल की तरफ चल देता …देखते देखते हॉल के बाहर काफी भीड़ इकठ्ठा हो गयी , गार्ड्स ने सभी को रोक रखा था और उन्हें एक -एक कर के अन्दर जाने दे रहा था.सबने देखा की अन्दर जाने वाला व्यक्ति काफी गंभीर हो कर बाहर निकलता , मानो उसके किसी करीबी की मृत्यु हुई हो !… इस बार अन्दर जाने की बारी एक पुराने एम्प्लोयी की थी …उसे सब जानते थे ,सबको पता था कि उसे हर एक चीज से शिकायत रहती है …. कंपनी से , सहकर्मियों से , वेतन से हर एक चीज से !पर आज वो थोडा खुश लग रहा था …उसे लगा कि चलो जिसकी वजह से उसकी लाइफ में इतनी प्रोब्लम्स थीं वो गुजर गया …अपनी बारी आते ही वो तेजी से ताबूत के पास पहुंचा और बड़ी जिज्ञासा से उचक कर अन्दर झाँकने लगा …पर ये क्या अन्दर तो एक बड़ा सा आइना रखा हुआ था।यह देख वह क्रोधित हो उठा और जोर से चिल्लाने के हुआ कि तभी उसे आईने के बगल में एक सन्देश लिखा दिखा –“इस दुनिया में केवल एक ही व्यक्ति है जो आपकी ग्रोथ रोक सकता है और वो आप खुद हैं . इस पूरे संसार में आप वो अकेले व्यक्ति हैं जो आपकी ज़िन्दगी में क्रांति ला सकता है .आपकी ज़िन्दगी तब नहीं बदलती जब आपका बॉस बदलता है , जब आपके दोस्त बदलते हैं , जब आपके पार्टनर बदलते हैं , या जब आपकी कंपनी बदलती है …. ज़िन्दगी तब बदलती है जब आप बदलते हैं , जब आप अपनी लिमिटिंग बिलीफ्स तोड़ते हैं , जब आप इस बात को रीयलाईज करते हैं कि अपनी ज़िंदगी के लिए सिर्फ और सिर्फ आप जिम्मेदार हैं . सबसे अच्छा रिश्ता जो आप बना सकते हैं वो खुद से बनाया रिश्ता है . खुद को देखिये , समझिये …कठिनाइयों से घबराइए नहीं उन्हें पीछे छोडिये … विजेता बनिए , खुद का विकस करिए और अपनी उस वास्तविकता का निर्माण करिए जिसका करना चाहते हैं !*💐💐शिक्षा💐💐:-*दुनिया एक आईने की तरह है : वो इंसान को उसके शशक्त विचारों का प्रतिबिम्ब प्रदान करती है । ताबूत में पड़ा आइना दरअसल आपको ये बताता है की जहाँ आप अपने विचारों की शक्ति से अपनी दुनिया बदल सकते हैं वहां आप जीवित होकर भी एक मृत के समान जी रहे हैं।इसी वक़्त दहन कर दीजिये उस पुराने ‘मैं’ को और एक नए ‘मैं’ का सृजन कीजिये !!*सदैव प्रसन्न रहिये।**जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*🙏🙏🙏🙏🌳🌳🌳🙏🙏🙏🙏🙏

(GOoD Morning)

--------सुअर---------------एक आदमी अपने सुअर के साथ नाव में यात्रा कर रहा था।उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था।सुअर ने पहले कभी नाव में यात्रा नहीं की थी, इसलिए वह सहज महसूस नहीं कर रहा था।ऊपर और नीचे जा रहा था, किसी को चैन से बैठने नहीं दे रहा था। नाविक इससे परेशान था और चिंतित था कि यात्रियों की दहशत के कारण नाव डूब जाएगी।अगर सुअर शांत नहीं हुआ तो वह नाव को डुबो देगा। वह आदमी स्थिति से परेशान था, लेकिन सुअर को शांत करने का कोई उपाय नहीं खोज सका। दार्शनिक ने यह सब देखा और मदद करने का फैसला किया। उसने कहा: "यदि आप अनुमति दें, तो मैं इस सुअर को घर की बिल्ली की तरह शांत कर सकता हूँ।" वह आदमी तुरंत राजी हो गया। दार्शनिक ने दो यात्रियों की मदद से सुअर को उठाया और नदी में फेंक दिया। सुअर ने तैरते रहने के लिए ज़ोर-ज़ोर से तैरना शुरू कर दिया। यह अब मर रहा था और अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहा था। कुछ समय बाद, दार्शनिक ने सुअर को वापस नाव में खींच लिया। सुअर चुप था और एक कोने में जाकर बैठ गया। सुअर के बदले हुए व्यवहार से वह आदमी और सभी यात्री हैरान रह गए। उस आदमी ने दार्शनिक से पूछा: "पहले तो यह ऊपर और नीचे कूद रहा था। अब यह पालतू बिल्ली की तरह बैठा है। क्यों?" दार्शनिक ने कहा: "बिना स्वाद चखे किसी को दूसरे के दुर्भाग्य का एहसास नहीं होता है। जब मैंने इस सुअर को पानी में फेंक दिया, तो यह पानी की शक्ति और नाव की उपयोगिता को समझ गया।" भारत में ऊपर-नीचे कूदने वाले सूअरों को 6 महीने के लिए उत्तर कोरिया, अफगानिस्तान, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सीरिया, इराक या पाकिस्तान या यहां तक ​​कि चीन में फेंक दिया जाना चाहिए, फिर भारत आने पर वे पालतू बिल्ली की तरह अपने आप शांत हो जाएंगे। और एक कोने में पड़ा रहेगा।By वनिता कासनियां पंजाब ? *'भारत' मैं रहकर भारत को गाली देने वाले सभी सूअरों को समर्पित*

गुड मॉर्निंग

(पाक विधि)