*'रिश्ते’ और ‘रास्ते’ के बीच,**एक अजीब रिश्ता होता है।**कभी 'रिश्तों' से 'रास्ते' मिल जाते है,**और कभी**'रास्तों' में 'रिश्ते' बन जाते हैं!**इसीलिए चलते रहिये और रिश्ते निभाते रहिये**खुशियाँ तो चन्दन की तरह होती हैं,**दूसरे के माथे पे लगाओ तो अपनी उंगलियाँ भी महक जाती हैं* *by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब*🙏🌹🚩 जय श्री राम🚩🌹🙏

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