*"दु:ख और परिश्रम"**मानव जीवन के लिये अत्यंत आवश्यक हैं,* *"क्योंकि"**दु:ख के बिना ह्रदय निर्मल नहीं होता,* *"और"* *परिश्रम के बिना मनुष्य का विकास नहीं होता !!**कलम तभी साफ और अच्छा**लिख पाती है जब..**वो थोड़ा झुक कर चलती है,**वही हाल "जिंदगी" में इंसान का है..!!* *by समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब* 🙏 शुभ संध्या 🙏

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